Saturday 18 January 2020

(GS Capsule): - शाहजहां (मुगल बादशाह)

शाहजहां (मुगल बादशाह)
* शाहजहाँ पांचवे मुग़ल शहंशाह थे
* शाहजहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे
* शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया
* जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह की बेटी जगत गोसाई के गर्भ से 5 जनवरी 1592 ई खुर्रम शाहजहां का जन्म लाहौर में हुआ था
* शाहजहां को सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था
* 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद शाहजहां गद्दी पर बैठे
* खुर्रम ने शाहजहां का नाम ग्रहण किया जिसका अर्थ होता है दुनिया का राजा
* शाहजहां के शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है
* 1612 ई में खुर्रम का विवाह आसफ खान की बेटी अरजुमंद बानो बेगम से हुआ, जिसे शाहजहां ने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की 1631 ई में प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गई
* शाहजहां ने 1638 ई में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना के दाहिने तट पर शाहजहांनाबाद की नींव डाली
* शाहजहाँ द्वारा बनवायी गयी ईमारतों में लाल किला, जामा मस्जिद, मोती मस्जिद, ताज महल, दीवाने आम, दीवाने खास आदि हैं
* शाहजहां के बेटों में दाराशिकोह सबसे बुद्धिमान था, उसने भगवद गीता और योगवशिष्ठ उपनिषद् और रामायण का अनुवाद फारसी में करवाया
* शाहजहां ने दिल्ली में एक कॉलेज का निर्माण करवाया और दारूल बका कॉलेज की मरम्मत कराई
* शाहजहां के बीमार पड़ने पर उसके चारों बेटों दारा शिकोह, शाहशुजा, औरंगज़ेब और मुराद बख़्श में 1657 ई में उत्तराधिकार के लिए संघर्ष शुरू हो गया
* 1658 में औरंगज़ेब ने शाहजहाँ को ताजमहल में शाही ख़जाने को ख़र्च करने के ज़ुर्म में बंदी बना लिया
* शाहजहॉ ने अपने जीवन के अंतिम आठ बर्ष आगरा के किलेे में एक बंदी के रूप में व्‍य‍तीत किये जहा उसे औरंगज़ेब पीने के लिए नपा-तुला पानी एक फूटी हुई मटकी में भेजता था
* जब तक शाहजहां जीवित रहे, तब तक शाहजहां की बेटी 'जहां आरा' ने जेल में रहकर उनकी तीमारदारी की
* शाहजहां को नज़रबंद कर औरंगज़ेब ने अपने को बादशाह घोषित करवाया कहा जाता हैं कि मरने से पहले शाहजहां ने अपने पुत्र औरंगजेब को एक चिट्ठी लिखी थी
* पत्र के आखिरी पंक्तियों में शाहजहां ने लिखा था कि “ऐ पिसर तू अजब मुसलमानी ब पिदरे जिंदा आब तरसानीआफरीन बाद हिंदवान सद बार मैं देहदं पिदरे मुर्दारावा दायम आब” इसका अर्थ है कि पुत्र तू भी विचित्र मुसलमान है जो अपने जीवित पिता को जल के लिए तरसा रहा है । उन हिन्दुओं को शत शत नमन जो अपने मृत पूर्वजो को भी पानी देते हैं
* पत्र के जवाब में औरंगजेब ने लिखा कि जिस स्याही से यह पत्र लिखा है उसी स्याही को पी लो और मर जाओ
* आगरा के किले में 31 जनवरी 1666 ई को शाहजहां की मृत्यु हो गई

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