प्रतिभा पाटिल (राष्ट्रपति, भारत)
* प्रतिभा पाटिल भारत की पहली और एकमात्र महिला राष्ट्रपति है
* प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव में 19 दिसंबर 1934 को हुआ था
* इनके पिता का नाम नारायन राव पाटिल था
* इनकी प्रारम्भिक शिक्षा जलगांव के ही आर आर विद्यालय में हुई थी
* प्रतिभा देवी ने पुणे विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की इसके बाद मुंबई कॉलेज से LAW की डिग्री हासिल की
* साड़ी और बड़ी सी बिंदी लगाने वाली यह साधारण पहनावे वाली महिला राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही थी
* वह मात्र 27 साल की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर 1962 में जलगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं और महाराष्ट्र विधानसभा में चुन कर आईं
* उसके बाद वह चार बार विधायक बनीं और इस दौरान वह कई विभागों में मंत्री रहीं
* पाटिल 1985 से 1990 तक राज्यसभा सदस्य रही हैं उसके बाद 1991 में 10वीं लोकसभा चुनाव में अमरावती से सांसद बनीं
* प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को कांग्रेस परिवार के वफादारों में गिना जाता है
* प्रतिभा पाटिल ने कारोबार में भी हाथ आजमाया अमरावती, जलगांव, पुणे और मुंबई में कई स्कूल और कॉलेज उनका था
* उनके परिवार का जलगांव में ग्रामीण छात्रों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज और मुकतैनगर में एक को-ऑपरेटिव चीनी फैक्ट्री था
* प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने प्रतिभा सहकारी महिला बैंक भी शुरू किया था, जिसका कामकाज रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी 2003 में लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद बंद हो गया
* उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी भैरोसिंह शेखावत को तीना लाख से ज्यादा मतों से हराया था
* प्रतिभा देवीसिंह पाटिल देश की 12वीं और पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं
* 2007 से 2012 तक वह राष्ट्र के इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहीं
* 25 जुलाई 2007 को उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी यह दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है
* उनका विवाह शिक्षाविद देवीसिंह रणसिंह शेखावत के साथ 7 जुलाई, 1965 को हुआ उनकी एक पुत्री तथा एक पुत्र है
* 1 जून 2019 को प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनीं इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन को दिया गया था
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