Sunday 7 October 2018

बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग सेवा नीति

बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग सेवा नीति

हाल ही में केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय द्वारा हवाई अड्डों पर विमान यात्रियों को उपलब्ध कराई जाने वाली बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग सेवा- ‘डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म’ की नीति जारी की गई है।
डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म के लिये मानक तय करने के लिये एक तकनीकी कार्यसमिति बनाई गई है जिसमें हवाई अड्डों के संचालक, विमान सेवा देने वाली कंपनियाँ और नागरिक उड्डयन क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं।
फरवरी 2019 के अंत तक बंगलूरू और हैदराबाद के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर इसे पायलट स्तर पर शुरू किया जाएगा। अप्रैल 2019 तक इसे कोलकाता, वाराणसी, पुणे और विजयवाड़ा के हवाई अड्डों पर भी उपलब्ध करा दिया जाएगा।
प्रमुख विशेषताएँ
यह डिजिटल आधारित ऐसी प्रणाली है जिससे यात्रियों की पहचान उनके चेहरे से की जा सकेगी। यह हवाई अड्डे में प्रवेश करने और विमान पर सवार होने तक यात्रियों को यात्रा का सहज अनुभव कराएगी।
इस प्रणाली के तहत यात्रियों का एक केंद्रीयकृत प्रणाली के ज़रिये पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें डिजी यात्रा आईडी दी जाएगी। आईडी में यात्रियों का नाम, उनकी ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और आधार न होने की स्थिति में कोई अन्य पहचान पत्र का विवरण होगा।
डिजी यात्रा आईडी बनाने वाले यात्री को उस हवाई अड्डे पर पहली और अंतिम बार अपना सत्यापन कराना होगा जहाँ से वह प्रस्थान करने वाला है।
‘डिजी-यात्रा’ योजना, यूनिक आईडी जैसे- भारतीय नागरिकों के आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड को पीएनआर की बुकिंग के लिये लिंक करेगी। बुकिंग के समय स्वचालित प्रणाली हवाई टिकट के साथ अद्वितीय पहचान (यूआईडी) को लिंक करेगी।
डिजी यात्रा के ज़रिये विमान सेवा कंपनियाँ टर्मिनल पर मौजूद अपने यात्रियों की स्थिति की पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगी। इससे यात्रियों के समय पर न पहुँचने या उनके गुम हो जाने की स्थिति में उड़ान में देरी जैसी समस्या नहीं उत्पन्न होगी। इसके साथ ही हवाई अड्ड़े पर यात्रियों की सुरक्षा जांच भी सुगम हो जाएगी।

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