मेथनॉल कुकिंग ईंधन कार्यक्रम
राज्य की स्वामित्व वाली कंपनी- नार्थईस्ट एंड असम पेट्रो-केमिकल्स ने एशिया का पहला कनस्तर आधारित और भारत का पहला ‘मेथनॉल कुकिंग ईंधन कार्यक्रम’ लॉन्च किया।
इस पायलट परियोजना में असम पेट्रो कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत 500 परिवारों को शामिल किया जाएगा, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, गोवा और कर्नाटक में 40,000 परिवारों तक बढ़ाया जाएगा।
सुरक्षित रूप से संचालित होने वाले ये कनस्तर आधारित कुकिंग स्टोव स्वीडिश टेक्नोलॉजी से बने हैं।
यह एक अद्वितीय तकनीक है जो मेथनॉल का बेहद सुरक्षित ढंग से उपयोग करती है और इसमें किसी रेगुलेटर या किसी भी पाइपिंग सिस्टम की आवश्यकता नहीं होती है।
मेथनॉल क्या है?
मेथनॉल एक हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील द्रव है।
यह सबसे सरल संरचना वाला अल्कोहल है।
यह जैवईंधन के रूप में भी उपयोगी है।
यह कार्बनिक यौगिक है।
इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं।
यह प्राकृतिक गैस, कोयला एवं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनता है।
इसके दहन से कार्बन उत्सर्जन कम होता है इसलिये यह एक स्वच्छ ईंधन है।
मेथनॉल ईंधन की आवश्यकता क्यों?
मेथनॉल ईंधन में विशुद्ध ज्वलनशील कण विद्यमान होते हैं इसलिये यह परिवहन में पेट्रोल और डीज़ल दोनों तथा रसोई ईंधन में एलपीजी, लकड़ी एवं मिट्टी तेल का स्थान ले सकता है।
यह रेलवे, समुद्री क्षेत्र, जेनसेट्स, पावर जेनरेशन में डीज़ल को भी प्रतिस्थापित कर सकता है और मेथनॉल आधारित संशोधक, हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये आदर्श पूरक हो सकते हैं।
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