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नई दिल्ली (जेएनएन)। जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन टूट गया है। भाजपा महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने यह घोषणा की। गठबंधन टूटने के साथ ही भाजपा ने राज्य में गवर्नर शासन लगाने का अनुरोध किया है। वहीं महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा में सीटों की स्थिति
विधानसभा चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो राज्य की कुल 87 सीटों में से पीडीपी को 28, भाजपा को 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। इसके अलावा अन्य दलों को 7 सीटें मिली थीं।
जानिए- अब क्या हो सकता है
चुनाव में अभी करीब 3 साल का समय बाकी हैं। ऐसे में अगर गठबंधन सरकार बनाने की फिर से कोशिश की जाती है तो पीडीपी को कांग्रेस के अलावा अन्य की भी जरूरत होगी, जिससे बहुमत (44) के आंकड़े को हासिल किया जा सके। ऐसे में समीकरण 28+12+7=47 होगा। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाजाद ने किसी भी प्रकार के गठबंधन से इनकार किया।
चुनाव में अभी करीब 3 साल का समय बाकी हैं। ऐसे में अगर गठबंधन सरकार बनाने की फिर से कोशिश की जाती है तो पीडीपी को कांग्रेस के अलावा अन्य की भी जरूरत होगी, जिससे बहुमत (44) के आंकड़े को हासिल किया जा सके। ऐसे में समीकरण 28+12+7=47 होगा। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाजाद ने किसी भी प्रकार के गठबंधन से इनकार किया।
इसके अलावा अगर पीडीपी और कांग्रेस के बीच तालमेल नहीं बनता है तो महबूबा मुफ्ती के पास दूसरा विकल्प राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाने का बचता है। ऐसे में 44 के आंकड़े के लिए समीकरण 28+15+7 होगा।
लेकिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने राज्यपाल से मिलकर किसी भी प्रकार के गठबंधन से साफ इंकार किया है। ऐसी स्थिति में अब जम्मू-कश्मीर में केवल राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प दिखाई दे रहा है।
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