Tuesday 18 February 2020

कृष्णा सोबती (लेखिका)

कृष्णा सोबती (लेखिका)
* कृष्णा सोबती मुख्यतः हिन्दी की आख्यायिका (फिक्शन) लेखिका थे
* उन्हें 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 1996 में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था
* अपनी बेलाग कथात्मक अभिव्यक्ति और सौष्ठवपूर्ण रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं
* उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है
* उनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने हमारे समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किये हैं
* कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात में 18 फरवरी 1925 को हुआ था भारत के विभाजन के बाद गुजरात का वह हिस्सा पाकिस्तान में चला गया है
* विभाजन के बाद वे दिल्ली में आकर बस गयीं और तब से यहीं रहकर साहित्य-सेवा करती रही
* उन्हें 1980 में 'ज़िन्दगीनामा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था
* 1996 में उन्हें साहित्य अकादमी का फेलो बनाया गया जो अकादमी का सर्वोच्च सम्मान है
* 2017 में इन्हें भारतीय साहित्य के सर्वोच्च सम्मान "ज्ञानपीठ पुरस्कार" से सम्मानित किया गया है
* ये मुख्यतः कहानी लेखिका हैं
* इनकी कहानियाँ 'बादलों के घेरे' नामक संग्रह में संकलित हैं
* कहानियों के अतिरिक्त इन्होंने आख्यायिका (फिक्शन) की एक विशिष्ट शैली के रूप में विशेष प्रकार की लंबी कहानियों का सृजन किया है जो औपन्यासिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं
* ऐ लड़की, डार से बिछुड़ी, यारों के यार, तिन पहाड़ जैसी कथाकृतियाँ अपने इस विशिष्ट आकार प्रकार के कारण उपन्यास के रूप में प्रकाशित भी हैं
* इनका निधन 25 जनवरी 2019 को एक लम्बी बिमारी के बाद सुबह साढ़े आठ बजे एक निजी अस्पपताल में हो गया
* प्रकाशित कृतियाँ
◆ कहानी संग्रह
> बादलों के घेरे - 1980
> लम्बी कहानी (आख्यायिका/उपन्यासिका)-
> डार से बिछुड़ी -1958
> मित्रो मरजानी -1967
> यारों के यार -1968
> तिन पहाड़ -1968
> ऐ लड़की -1991
> जैनी मेहरबान सिंह -2007 (चल-चित्रीय पटकथा; 'मित्रो मरजानी' की रचना के बाद ही रचित, परन्तु चार दशक बाद 2007 में प्रकाशित)
◆ उपन्यास-
> सूरजमुखी अँधेरे के -1972
> ज़िन्दगी़नामा -1979
> दिलोदानिश -1993
> समय सरगम -2000
> गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान -2017 (निजी जीवन को स्पर्श करती औपन्यासिक रचना)
◆ विचार-संवाद-संस्मरण-
> हम हशमत (तीन भागों में)
> सोबती एक सोहबत
> शब्दों के आलोक में
> सोबती वैद संवाद
> मुक्तिबोध : एक व्यक्तित्व सही की तलाश में -2017
> लेखक का जनतंत्र -2018
> मार्फ़त दिल्ली -2018
◆ यात्रा-आख्यान-
> बुद्ध का कमण्डल : लद्दाख़

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