🌾 🌾 PBW-343 नामक किस्म 🌾 🌾
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) ने PBW-343 नामक गेहूँ की किस्म को एक नए रूप में लॉन्च किया है, जिसमें दो जोड़ी पत्ते और पीला जंग (rust, यह पौधों में होने वाली एक फंगल बीमारी है जिसके परिणामस्वरूप पौधों में लाल या भूरे रंग के चकते हो जाते हैं), प्रतिरोधीजीन - Lr37/Yr17 and Lr76/Yr70 शामिल हैं।
गेहूँ की इस नई किस्म को PBW-343 Unnat नाम दिया गया है।
PBW-343 को तैयार करने की इस पूरी प्रक्रिया को मार्कर-समर्थित चयन (marker-assisted selection) नामक बायोटेक्नोलॉजी आधारित पौधा प्रजनन (plant breeding) तकनीक द्वारा संपन्न किया गया है।
यह गेहूँ अपनी तरह की पहली ऐसी विकसित किस्म है।
PBW-343, अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूँ सुधार केंद्र या मेक्सिको में CIMMYT में उत्पादित गेहूँ की 'वेरी' लाइनों पर आधारित है, नब्बे के दशक के मध्य से पिछले दशक तक यह प्रजाति भारतीय किसानों के बीच लोकप्रिय थी। लेकिन वर्ष 2007 में बड़े स्तर पर फसल को नुकसान पहुँचने के कारण किसानों का रुझान इस ओर कम हो गया।
लेकिन, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा 2011-12 और 2013-14 में क्रमशः विकसित HD-2967 और HD-3086 के लॉन्च होने के बाद PBW-343 फिर से चर्चा का विषय बन गया है।
HD-2967 किस्म का इस्तेमाल करने से किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल गेहूँ का उत्पादन कर सकता है, लेकिन इसके साथ समस्या यह है कि यह पीले और भूरे रंग के धब्बों/चकतों के लिये अतिसंवेदनशील है।
इसी प्रकार HD-3086 भी ब्राउन rust के मामले में कमज़ोर साबित होता है, लेकिन यह अभी भी उपज के मामले में किसानों को सर्वोत्तम परिणाम दे रहा है। इस क्रम में PBW-343 Unnat के सफल होने की संभावनाएँ काफी है।
‘उन्नत’ प्रारंभिक गेहूँ की एक किस्म है, जो एचडी -2967 की तरह अक्तूबर के चौथे सप्ताह से नवंबर के चौथे सप्ताह में 155 दिनों की परिपक्वता अवधि के साथ बोई जा सकती है।
परीक्षण के अनुसार उन्नत की औसत उपज प्रति एकड़ 23.2 क्विंटल होने का अनुमान है।
No comments:
Post a Comment