प्रश्न नेशनल रजिस्ट्री ऑफ सेक्स ऑफेडंर्स के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. इस डाटाबेस में 2005 के बाद यौन अपराधों के लिये दोषी पाए गए लोगों के बारे में प्राप्त जानकारियों को संगृहीत किया गया है।
2. इस डाटाबेस की निगरानी सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
3. भारत नेशनल रजिस्ट्री ऑफ सेक्स ऑफेडंर्स की शुरुआत करने वाला दुनिया का पहला देश है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A) केवल 1
B) केवल 1 और 2
C) केवल 1 और 3
D) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या :
हाल ही में देश में यौन अपराधों के दोषियों के बारे में जानकारी को डेटा के रूप में उपलब्ध कराने के लिये नेशनल रजिस्ट्री ऑफ सेक्स ऑफेडंर्स की शुरुआत की गई। इस डाटाबेस में 2005 के बाद यौन अपराधों के लिये दोषी पाए गए लगभग 4.4 लाख लोगों के बारे में प्राप्त जानकारियों को संगृहीत किया गया है
जिसमें दोषी का नाम, पता, फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट जैसे विवरण शामिल किये गए हैं।
अतः कथन 1 सही है।
नई दिल्ली में 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले के बाद इस तरह की रजिस्ट्री शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया था। डाटाबेस की निगरानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) द्वारा की जाएगी। NCRB इस पर भी नज़र रखेगा कि राज्य पुलिस समय पर रिकॉर्ड को अपडेट कर रही है या नहीं। इसमें पहली बार अपराध करने वालों से लेकर बार-बार अपराध करने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखा गया है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
भारत NDSO (National Database on Sexual Offenders) की शुरुआत करने वाला दुनिया का नौवाँ देश बन गया है। यौन उत्पीड़न पर राष्ट्रीय डाटाबेस रखने वाले अन्य देश हैं- अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो। इन सभी देशों में मात्र अमेरिका ही ऐसा देश हैं जहाँ इस प्रकार का डाटाबेस आम जनता के लिये उपलब्ध है, अन्य देशों में यह डाटाबेस "जाँच और निगरानी" के उद्देश्य से केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये सुलभ है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
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