दैनिक समसामयिकी
01 September 2018(Saturday)
NATIONAL
1.मोदी सरकार का बड़ा सियासी फैसला : पहली बार होगी OBC की गिनती
• साल 2021 की जनगणना में आजाद भारत में पहली बार अन्य पिछड़े वगरें (ओबीसी) से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। यह कदम 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
• देश में 1931 की जनगणना में आखिरी बार एकत्रित किए गए जातिगत आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी।
• गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 की जनगणना के लिए तैयारियों की समीक्षा की, जिसके बाद ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का खुलासा किया गया। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पहली बार ओबीसी से संबंधित आंकड़े भी एकत्रित करने का विचार किया गया है।’
• सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन की एक शाखा राष्ट्रीय नमूना सव्रेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने 2006 में देश की आबादी पर नमूना सव्रेक्षण रिपोर्ट की घोषणा की थी और कहा था कि देश में ओबीसी आबादी कुल आबादी की करीब 41 फीसद है। एनएसएसओ ने ग्रामीण इलाकों में 79,306 परिवारों और शहरी इलाकों में 45,374 परिवारों की गणना की थी।
• भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में 2021 जनगणना में ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का उल्लेख कर सकती है, क्योंकि कई ओबीसी संगठन लंबे समय से इसके लिए मांग कर रहे हैं।
• संप्रग ने 2011 में सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना कराई थी और मौजूदा राजग सरकार ने तीन जुलाई 2015 में इसके नतीजों का ऐलान किया। इसके बाद 28 जुलाई 2015 को सरकार ने कहा था कि जाति जनगणना के संबंध में कुल 8.19 करोड़ गलतियां पाई गई हैं, जिनमें से 6.73 करोड़ गलतियां सुधार दी गई। हालांकि 1.45 करोड़ गलतियों में अभी सुधार नहीं किया गया है। जनगणना 2021 तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी।
• शुक्रवार की समीक्षा बैठक में गृह मंत्री ने इसके रोडमैप पर र्चचा की। इस बात पर जोर दिया गया कि डिजाइन और तकनीकी चीजों में सुधार पर जोर दिया जाए ताकि जनगणना करने के तीन साल के भीतर आंकड़ों को अंतिम रूप दे दिया जाए।
• अभी तक पूरे आंकड़े जारी करने में सात से आठ साल का समय लग जाता है। इस बड़ी कवायद के लिए 25 लाख से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।
2. अनुच्छेद 35ए पर सुनवाई अब जनवरी में
• जम्मू-कश्मीर में स्थायी निवासियों के संबंध में विधानसभा के विशिष्ट अधिकारों वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका की उच्चतम न्यायालय में सुनवाई अगले वर्ष जनवरी के दूसरे सप्ताह तक के लिए स्थगित हो गई।
• जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में दलील दी गई कि राज्य में पंचायत चुनाव होने हैं और ऐसी स्थिति में इस मामले में सुनवाई से शांति व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इसलिए मामले की सुनवाई पंचायत चुनाव के बाद की जाए। इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई अगले वर्ष जनवरी के दूसरे सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।
• जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और केंद्र सरकार की ओर से एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पैरवी की। वेणुगोपाल ने न्यायालय से सुनवाई स्थगित करने का यह कहते हुए अनुरोध किया कि राज्य में पंचायत चुनाव होने हैं और बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बल तैनात किए जा रहे हैं। यदि इस वक्त सुनवाई की गई तो राज्य में कानून व्यवस्था की भीषण समस्या पैदा हो सकती है। इसके बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई।
• 27 अगस्त को भी मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इससे संबंधित एक नया मामला सुनवाई के लिए नहीं लिया था, क्योंकि याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने खुद ही सुनवाई स्थगित करने का रजिस्ट्री से अनुरोध किया था।
• विरोध में घाटी बंद : जम्मू (वार्ता)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी, डोडा और किश्तवाड़ पर्वतीय जिलों में संविधान के अनुच्छेद 35-ए को हटाने के प्रयास के विरोध में शुक्रवार को पूर्ण बंद रहा। राजौरी जिले में बाजार बंद होने के दौरान सुरक्षा बढ़ा दी गयी।
• पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शहर में फ्लैग मार्च किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गयी हैं जबकि सुरक्षाकर्मी पूर्ण बंद के कारण स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
3. समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं: विधि आयोग
• विधि आयोग ने कहा है कि अभी समान नागरिक संहिता की न तो जरूरत है और न ही यह अपेक्षित है। आयोग ने अपने कार्यकाल अंतिम दिन शुक्रवार को सौंपे गए पत्र में विवाह, तलाक, गुजारा खर्च और पुरुष एवं महिलाओं की शादी की उम्र से संबंधित कानून में बदलाव का सुझाव दिया है।
• पूर्ण रिपोर्ट देने की जगह पत्र जारी करते हुए आयोग ने धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखा है। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में इसके मजबूत संरक्षण की बात करते हुए आयोग ने कहा है कि यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि तीन तलाक और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को धार्मिक परंपरा की आड़ लेकर अमल में लाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
• ‘परिवार कानून में सुधार’ शीर्षक से जारी पत्र में आयोग ने कहा है, ‘धर्म के नाम पर कानून के तहत इनका संरक्षण लेना बहुत बड़ी चूक होगी।’ एक बार में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत पर विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अभी तक लंबित है।
• विधि आयोग का तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया। आयोग ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता विख्यात है, लेकिन खास समूह या समाज के कमजोर तबके को प्रक्रिया में वंचित नहीं रखा जा सकता। जारी पत्र में कहा गया है, ‘टकराव के समाधान का मतलब मतभेद खत्म होना नहीं है। इसलिए आयोग ने समान नागरिक संहिता मुहैया कराने की जगह भेदभावपूर्ण कानून पर काम किया है।
• वर्तमान स्तर पर समान नागरिक संहिता की न तो जरूरत है न ही अपेक्षित है।’1आयोग का मानना है कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा व्यापक है। भारत में इसकी प्रतिक्रिया अनुमान से परे है। इसलिए दो साल के दौरान विस्तृत शोध और अनगिनत विचार-विमर्श के बाद आयोग भारत में परिवार कानून के सुधार पर अपना पत्र पेश कर रहा है।
• आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान (सेवानिवृत्त) ने पूर्व में कहा था कि समान संहिता की सिफारिश की जगह आयोग संभवत: पर्सनल ला में आंशिक बदलाव का सुझाव देगा।
• अब विवादास्पद मुद्दे पर अंतिम रिपोर्ट देने का भार 22वें विधि आयोग पर होगा। 17 जून 2016 को कानून मंत्रलय ने आयोग को समान नागरिक संहिता के संबंध में मुद्दों की जांच करने को कहा था।
ECONOMY
4. अर्थव्यवस्था ने दिखाया दम : आर्थिक विकास दर ने पिछले दो साल का तोड़ा रिकार्ड
• भारतीय अर्थव्यवस्था ने तमाम विशेषज्ञों को चौकाते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दमदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर बढ़कर 8.2 फीसद पर पहुंच गई। इसमें कृषि, विनिर्माण और निर्माण जैसे क्षेत्रों का उल्लेखनीय योगदान रहा। इसके साथ ही भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है।
• केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों के आधार पर अप्रैल-जून की पहली तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 33.74 लाख करोड़ रपए पर पहुंच गया जो वर्ष 2017-18 की इसी अवधि में 31.18 लाख करोड़ रपए रही थी। इस तरह जीडीपी में यह वृद्धि 8.2 फीसद रही।
• इससे पहले किसी तिमाही में इससे अधिक वृद्धि दर वर्ष 2015-16 की जनवरी-मार्च तिमाही में 9.3 फीसद दर्ज की गई थी।
• चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल से जून की अवधि में 6.7 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के हिसाब से पहली तिमाही में आठ फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.6 फीसद रहा था। सीएसओ के मुताबिक आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में 13.5 फीसद वृद्धि रही।
• हालांकि एक साल पहले इसी अवधि में इस क्षेत्र में 1.8 फीसद गिरावट आई थी।नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ट्वीट में कहा, ‘‘जीडीपी के 8.2 फीसद पर पिछली नौ तिमाहियों के उच्चस्तर पर पहुंचने का बहुत अच्छा समाचार है।’ वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि आर्थिक स्थिति में सुधार की यह उल्लेखनीय गति है।
• पिछली चार तिमाहियों में पहले 6.3 फीसद, फिर सात फीसद, 7.7 फीसद और अब 8.2 फीसद की वृद्धि हासिल होना अपने आप में उल्लेखनीय है। सीएसओ आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 13.5 फीसद रही जबकि कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र में 5.3 फीसद वृद्धि दर्ज की गई। बिजली, गैस, जलापूर्ति में 7.3 फीसद और निर्माण क्षेत्र में इस दौरान 8.7 फीसद वृद्धि दर्ज की गई।
5. वोडाफोन-आइडिया के विलय की प्रक्रिया पूरी
• आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन का विलय पूरा हो गया है। इसके साथ यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई है। इसके ग्राहकों की संख्या 40.8 करोड़ है।
• दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि विलय के बाद बनी ‘‘वोडाफोन आइडिया लि.’ के लिए नया निदेशक मंडल बनाया गया है। इसमें 12 निदेशक (छह स्वतंत्र निदेशक शामिल) और कुमार मंगलम बिड़ला उसके चेयरमैन होंगे। निदेशक मंडल ने बालेश शर्मा को सीईओ नियुक्त किया है।
• कंपनी के पास आय के हिसाब से 32.2 फीसद बाजार हिस्सेदारी होगी और नौ दूरसंचार सर्किल में पहले पायदान पर होगी। दोनों ब्रांड वोडाफोन और आइडिया ब्रांड बने रहेंगे।
• दिग्गज कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. अपने वृहत आकार के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देगी जो फिलहाल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
6. इंडिया पोस्ट बैंक का आज होगा उद्घाटन
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का उद्घाटन करेंगे। इसका मकसद देश में डाकघरों की व्यापक पहुंच के माध्यम से लोगों तक वित्तीय समावेशन के लाभ पहुंचाना है।
• उद्घाटन कार्यक्रम कल यहां तालकटोरा स्टेडियम में होगा। इसी के साथ कल आईआईपीबी की 650 शाखाएं और 3250 सुविधा केंद्र काम करना शुरू कर देंगे।
• यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक आईपीपीबी की स्थापना केंद्र सरकार के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को तेजी से पाने के लिए की गई है। इसकी कल्पना आम आदमी के लिए एक सस्ते, भरोसेमंद और आसान पहुंच वाले बैंक के तौर पर की गई है।
• इस भुगतान बैंक में भारत सरकार की 100 फीसद हिस्सेदारी है। इस डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क और तीन लाख से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों का लाभ मिलेगा।
INTERNATIONAL/BILATERAL
7. आतंकवाद पर भारत को मिला बिम्स्टेक का समर्थन
• आतंकवाद पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए बिम्स्टेक देशों के चौथे शिखर सम्मेलन में जारी घोषणा पत्र में बिना किसी देश का नाम लिए कहा गया है कि सिर्फ आतंकवादी तथा आतंकवादी संगठनों को ही नहीं आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
• बिम्स्टेक के साथ सदस्य देशों बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल द्वारा स्वीकृत संयुक्त घोषणापा में शुक्रवार को कहा गया है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादी, आतंकवादी संगठनों तथा आतंकवादी नेटवर्क को निशाना बनाने के साथ ही उन देशों तथा गैर-सरकारी संगठनों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जो आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और आर्थिक मदद प्रदान करते हैं, आतंकवादियों तथा आतंकवादी संगठनों को संरक्षण प्रदान करते हैं और उनका गुणगान करते हैं।
• घोषणापत्र में बिम्स्टेक देशों के साथ ही दुनिया के किसी भी हिस्से में और किसी भी संगठन द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों की र्भत्सना तथा आतंकवाद के सभी स्वरूपों की ¨नदा की गयी है। इसमें कहा गया है कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता। बिम्स्टेक के इस बयान को भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना माना जा रहा है।
• इससे पहले बृहस्पतिवार को शिखर सम्मेलन के मुख्य सत्र को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि बिम्स्टेक को ज्यादा सकारात्मक क्षेत्रीय समूह बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराधों, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में बिम्स्टेक की भूमिका बढ़नी चाहिए।
• मोदी ने कहा, हम सदस्य देशों में से कोई ऐसा नहीं है जिसने आतंकवाद का दंश न सहा हो। मादक पदार्थों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध की समस्याएं भी हैं। ड्रग्स की समस्या पर हम एक फ्रेमवर्क सम्मेलन का आयोजन करने के लिए तैयार हैं।काठमांडो घोषणापा में आतंकवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताई गई और सदस्य देशों से इस मामले में व्यापक रुख अपनाने की अपील की गई है।
• इसमें कहा गया है बिम्स्टेक देशों को आतंकवादियों तथा आतंकवादी गतिविधियों मिलने वाली आर्थिक मदद, आतंकवादियों की भर्ती और उनके सीमाओं के आर-पार आने-जाने और आतंकवाद के प्रसार के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकने तथा आतंकवाद के सुरक्षित पनाहों को ध्वस्त के प्रयास करने चाहिए।
8. जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों पर बिम्सटेक चिंतित
• जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए भारत और बिम्सटेक के छह अन्य सदस्य देशों ने जरूरी सामूहिक कार्रवाई के वास्ते कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक अंतर-सरकार विशेषज्ञ दल स्थापित करने की संभावना खंगालने का शुक्रवार को फैसला किया।
• दो दिवसीय चौथे बिम्सटेक सम्मेलन के समापन पर जारी काठमांडो घोषणापत्र के अनुसार सदस्य देशों ने पर्यावरण की रक्षा और उसके संरक्षण के लिए सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया।
• घोषणापत्र के मुताबिक नेताओं ने पर्यावरण के क्षरण, जलवायु परिवर्तन और धरती के बढ़ते तापमान का नाजुक हिमालयी और पर्वतीय पारिस्थितिकियों तथा बंगाल की खाड़ी एवं हिन्द महासागर पर प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गंभीर चिंता प्रकट की।
• उसके अनुसार बिम्सटेक देश लोगों के जीवन और उनकी जीविका पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों का समाधान करने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित बचाए रखने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
• उन्होंने इस क्षेत्र के लिए जलवायु परिवर्तन के संबंध में जरूरी कार्रवाई के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए अंतर-सरकारी विशेषज्ञ दल स्थापित करने की संभावना खंगलाने का निर्णय लिया। बिम्सटेक भारत, बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड और नेपाल का क्षेत्रीय संगठन संगठन है। इन देशों में विश्व की 22 फीसद जनसंख्या रहती है और उसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 2.8 अरब डॉलर का है।
9. सिंधु जल संधि पर बातचीत पूरी
• भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के तहत विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित करने को लेकर 29-30 अगस्त के दौरान हुई भारत-पाकिस्तान परमानेंट इंडस कमीशन (पीआईसी) की बैठक में बातचीत हुई। यह जानकारी शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई।
• विदेश मंत्रायल ने एक बयान में कहा, ‘‘सिंधु जल संधि 1960 के प्रावधानों के आधार पर विभिन्न जल परियोजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर तकनीकी बातचीत हुई। इन परियोजनाओं में जम्मू-कश्मीर स्थित पंकल डल (1,000 मेगावाट) और लोअर कलनई (48 मेगावाट) की परियोजना शामिल है।’
• मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों देशों ने संधि के तहत दोनों तरफ से सिंधु बेसिन में स्थायी इंड्स कमिश्नरों की यात्रा की अनिवार्यता पर सहमति जताई।’ मंत्रालय के अनुसार, संधि के दायरे में आने वाले मसलों पर परमानेंट इंड्स कमीशन की भूमिका को प्रोत्साहन देने को लेकर बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच 1960 में की गई संधि में व्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम नदी शामिल हैं।
• विश्व बैंक की मध्यस्थता में संधि के तहत भारत को दो नदियों के जल का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया है जबकि अन्य तीन नदियों के जल का उपयोग करने का अधिकार पाकिस्तान को दिया गया है।
• भारत ने कहा कि उसे संधि के तहत अपने क्षेत्र में प्रवाहित नदियों की सहायक नदियों पर जलविद्युत संयंत्र लगाने का अधिकार है जबकि पाकिस्तान को आशंका है कि इससे उसके क्षेत्र में पानी का प्रवाह कम हो जाएगा। लाहौर में हुई वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष की अगुवाई भारतीय सिंधु जल आयुक्तपीके सक्सेना ने की।
10. ट्रंप ने दी डब्ल्यूटीओ से बाहर निकलने की धमकी
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकलने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि संगठन की संरचना में सुधार किया जाए अन्यथा अमेरिका उसे छोड़ देगा। कई वैश्विक संस्थाओं और समझौतों से बाहर निकलने के बाद यह ट्रंप की ओर से आई ताजा धमकी है।
• व्यापार करने के लिहाज से सबसे बुरा संगठन बताया : ब्लूमबर्ग न्यूज से साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, संगठन की संरचना और नियमों में अगर बदलाव नहीं किया गया तो अमेरिका उसे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि व्यापार करने के लिहाज से यह सबसे बुरा संगठन है। इससे पहले भी ट्रंप डब्ल्यूटीओ के विवाद सुलझाने के सिस्टम की निंदा कर चुके हैं और इसे अमेरिका के खिलाफ बता चुके हैं।
• उन्होंने कहा कि नियम ऐसे बनाए गए हैं कि किसी भी मामले में अमेरिका के पक्ष में फैसला आना बहुत मुश्किल है। हालांकि इन नियमों में बदलाव की शुरुआत 2017 से हो चुकी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि डब्ल्यूटीओ जान गया है कि अगर सुधार न किया गया तो अमेरिका बाहर चला जाएगा।
• भारत भी अमेरिका के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में गया : अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध में शामिल चीन सन 2001 में डब्ल्यूटीओ में शामिल हुआ। संगठन में अमेरिका के प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर ने इसे एक गलती करार दिया है।
• ट्रंप की ओर से डब्ल्यूटीओ से बाहर निकलने की धमकी उस समय आई है जब उसके व्यापार साझीदारों ने आयात पर भारी शुल्क के लिए अमेरिका के खिलाफ संगठन में विरोध दर्ज कराया है। इस्पात और एल्यूमीनियम पर भारी आयात शुल्क लगाए जाने पर भारत भी अमेरिका के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में गया है।
SCIENCE/ ENVIRONMENT
11. भूकंप के बाद के झटकों का पूर्वानुमान लगाएगा गूगल का नया एआइ सिस्टम
• कई बार भूकंप के बाद आने वाले झटके ज्यादा तबाही मचाते हैं। इसलिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि उनके बारे में पूर्वानुमान का कोई तरीका हो, जिससे समय रहते बचाव की तैयारी की जा सके।
• इसी दिशा में काम करते हुए अमेरिका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और गूगल के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर से भूकंप के डाटाबेस का विश्लेषण करने के लिए एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ)) प्रणाली का प्रयोग किया, जिससे यह पूर्वानुमान लगाया जा सके कि भूकंप के झटके कहां-कहां आ सकते हैं।
• हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक वरिष्ठ शोधकर्ता फोबे डीव्रीज कहती हैं, आमतौर पर भूकंप क्रमानुसार आता है। शुरुआती मुख्य झटके के बाद अक्सर कई छोटे-छोटे झटके आते हैं। भले ही ये झटके पहले मुख्य झटके से कम तीव्रता के हों, लेकिन कई बार ये राहत व बचाव कार्यों में काफी हद तक बाधा पहुंचाते हैं।
• लगाया जा सकता है समय और तीव्रता का पता : फोबे के मुताबिक, बाद के झटकों के समय और तीव्रता का स्थापित प्रयोगसिद्ध सिद्धांतों से पता लगाया जाता है, लेकिन इनके स्थानों की सटीक भविष्यवाणी करना अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। यही वजह है कि इस प्रणाली पर काम किया गया।
• यह परिणाम आए सामने : फोबे कहती हैं, एल्गोरिदम उपयोगी पैटर्न की पहचान करने में सक्षम पाई गई। अंतिम परिणाम में सामने आया कि यह मॉडल भूकंप के बाद के झटकों की जगह का पूर्वानुमान लगाने के लिए में बेहद प्रभावकारी था। हालांकि, वह इसे इस दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम मानती हैं।
• वह कहती हैं, अभी इस पर और काम किया जाना बाकी है। उम्मीद है निकट भविष्य में इस प्रणाली के जरिये भूकंप के बाद के झटकों के स्थानों का पूर्वानुमान सटीकता से लगाया जा सकेगा।
AWARDS
12. भारत-भारती पुरस्कार
• उप्र हिन्दी संस्थान की तरफ से साल 2017 का सर्वोच्च सम्मान ‘‘भारत-भारती’ पुरस्कार भोपाल के डॉ. रमेश चंद्र शाह को दिया जायेगा। लोहिया सम्मान दिल्ली के जय प्रकाश कर्दम तथा हिन्दी गौरव गोरखपुर के डा.रामदेव शुक्ल को मिलेगा।
• पुरस्कारों में महात्मा गांधी सम्मान नोएडा के डा.राम गोपाल शर्मा, पं.दीन दयाल उपाध्याय सम्मान गुरुग्राम के डा. धर्मपाल मैनी, अवन्तीबाई सम्मान पटना के शत्रुघ्न प्रसाद तथा राजर्षि पुरु षोत्तम टंडन सम्मान कोलकाता के बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय को मिलेगा।
• सर्वोच्च पुरस्कार पांच लाख रुपये का है, जबकि अन्य पुरस्कार चार लाख रुपये का निर्धारित है।
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