Tuesday, 28 August 2018

तीनों_सेना_के_जवान_अलग_अलग_तरह_से_सैल्यूट_क्यों_करते_हैं_जानिए_कारण

#_तीनों_सेना_के_जवान_अलग_अलग_तरह_से_सैल्यूट_क्यों_करते_हैं_जानिए_कारण

हमारे देश की सेना हमारी आन वान और शान की रक्षा करती है आपने हमारी तीनों सेनाओं को सैल्यूट करते हुए कई बार देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि हमारी तीनों सेनाओं के जवान अलग अलग तरह से सैल्यूट क्यों करते हैं और उनका क्या मतलब होता है. आपको देखने में तीनो सेनाओं के सैल्यूट देखने में भले ही एक से लगते हो लेकिन आपको बता दे कि इनके सैल्यूट करने पर काफी अंतर है. #_हमारी_आर्मी_नेवी और_एयर फाॅर्स के सैल्यूट में क्या अंतर है और इसका क्या मतलब होता है.

#_सैल्यूट_का_अर्थ

सैल्यूट का अर्थ बहुत ही साधरण है. सभी जवान सैल्यूट करके अपने से बड़े को सम्मान देते हैं और सैल्यूट साथ में ये भी बताता है कि उनके पास इस समय कोई हथियार नहीं है और हर कोई उनपर विश्वास कर सकता है.

#_भारतीय_थल_सेना (Indian Army)
भारतीय सेना के सभी जवान आपको कई मौकों पर सैल्यूट करते हुए दिख जायेंगे, इंडियन आर्मी के जवान अपने खुले पंजे से सैल्यूट करते है उनकी सारी अंगुलियाँ सामने की ओर खुली रहती है. इसके अलावा बीच की उंगली और अंगूठा आपके सिर और आईब्रो तक होता है.

भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है।

वैसे तो भारत में थल सेना की स्थापना 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी
लेकिन भारतीय थल सेना (Indian army) की स्थापना सन् 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुंरत बाद हुई थी

#_भारतीय_जल_सेना (Indian Navy)
इनका सैल्यूट करने का तरीका इंडिया आर्मी से काफी अलग होता है. इंडिया नेवी के जवान भी खुली हथेली से सैल्यूट करते है लेकिन उनकी हथेली नीचे की तरफ होती है. इस तरीके के सैल्यूट करने के तरीके के पीछे तर्क दिया जाता है कि पुराने जमाने में नेवी के जवान जहाज में काम भी करते थे जिसकी बजह से उनके हाथ गंदे हो जाते थे इसे छिपाने के लिए वो हथेली को नीचे की तरफ करके सैल्यूट करते थे और तब से ही इंडियन नेवी ऐसे ही सैल्यूट करती नजर आ रही है.

आधुनिक भारतीय नौसेना की नींव 17वीं शताब्दी में रखी गई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक समुद्री सेना के रूप में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना की और इस प्रकार 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना हुई। भारतीय नौ सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह मुख्य नौ सेना अधिकारी – एक एडमिरल के नियंत्रण में होता है।

#_भारतीय_वायु_सेना (Indian Air Force)
पहले वायु सेना के जवान आर्मी की तरह ही सैल्यूट करते थे लेकिन साल#_2006_में _मार्च के महीने में इंडियन एयरफाॅर्स ने अपने जवानों के लिए सैल्यूट के नए फॉर्म तय किये थे. नए फॉर्म वह कुछ इस तरह सैल्यूट करते है #_कि_वह_हथेली _और_जमीन_में_45_डिग्री_का_कोण बनाती है. इन्डियन एयर फाॅर्स इस तरह से आसमान की ओर अपने बढ़ते कदम को दर्शाती है.

भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गई और 1 अप्रैल 1954 को एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी, भारतीय नौ सेना के एक संस्थापक सदस्य ने प्रथम भारतीय वायु सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला।

#_राष्ट्रपति तीनों सशस्त्र सेनाओं- जल, थल और वायु के सर्वोच्च कमांडर भी होत! हैं.

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