Thursday 23 August 2018

_पूर्व_सेना_प्रमुख_जनरल_दलबीर_सिंह_सुहाग_को_अमेरिका_का 'लीजन ऑफ मेरिट' #सम्मान

#_पूर्व_सेना_प्रमुख_जनरल_दलबीर_सिंह_सुहाग_को_अमेरिका_का 'लीजन ऑफ मेरिट' #सम्मान

पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह को 17 अगस्त 2018 को अमेरिका के 'लीजन ऑफ मेरिट' सम्मान से सम्मानित किया गया है.

सेना ने ट्वीट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जनरल दलबीर सिंह (सेवानिवृत्त) को 'लीजन ऑफ मेरिट' सम्मान दिया है.

#यह_पुरस्कार_क्यों_दिया_गया?

दलबीर सिंह को यह पुरस्कार अगस्त 2014 से दिसंबर 2016 तक सेना प्रमुख के रूप में असाधारण और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया गया है. यह उपाधि भारतीय सेना में बेहतरीन कार्य करने के कारण प्राप्त हुई है.

#मुख्य_तथ्य:

यह उपाधि पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग को 17 अगस्त 2018 को पेंटागन वाशिंगटन डीसी में दी गई.
इस मौके पर पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग के परिवार के सदस्य और यूनाइटेड स्टेट में भारतीय सैनिक भी मौजूद रहे.
इस उपाधि के लिए सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग का नाम यूएस सरकार ने मार्च 2016 में चयन किया था. वे उस वक्त सुहाग भारतीय सेना के चीफ थे.
उन्हें यह सम्मान अप्रैल 2016 में ही मिलना था. लेकिन किन्ही कारणों के चलते उस वक्त यह उपाधि उन्हें नहीं मिल पाई. जिसके बाद अब दलबीर सिंह सुहाग को इस अवार्ड से नवाजा गया है.
ये उपाधि लेने वाले दूसरे भारतीय बने सुहाग:

यह दूसरा मौका है जब किसी भारतीय को यह पुरस्कार मिला है. इससे पहले यह उपाधि भारत के पहले जनरल रहे राजेंद्र सिंह जाडेजा को वर्ष 1946 में मिली थी. बता दें कि जनरल दलबीर सिंह सुहाग को जो उपाधि दी गई है, ये चार मुख्य डिग्रियों का जोड़ है. इसमें डिग्री ऑफ चीफ कमांडर, डिग्री ऑफ कमांडर, डिग्री ऑफ ऑफिसर और डिग्री ऑफ लेगिनियर है.

#दलबीर_सिंह_सुहाग_के_बारे_में:

• जनरल दलबीर सिंह सुहाग फौजी परिवार से सम्बंध रखते हैं. उनका जन्म 28 दिसम्बटर 1954 को हरियाणा के झज्जर ज़िले के 'बिशन' नामक ग्राम में एक जाट परिवार में हुआ था.

• दलबीर सिंह सुहाग ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सैनिक स्कूहल, चित्तौड़गढ़ से प्राप्त की थी.

• जनरल सुहाग वर्ष 1970 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हुए थे.

• जनरल सुहाग भारत की ओर से श्रीलंका में ऑपरेशन ‘पवन’ में कंपनी कमांडर थे.

• उन्होंने कश्मीर घाटी में जुलाई 2003 से लेकर मार्च 2005 के बीच आतंकवाद रोधी अभियानों के खिलाफ 53 वीं इंफैंट्री ब्रिगेड के कमान संभाले थे.

• जनरल दलबीर सिंह सुहाग 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के अभियान में शामिल थे.

• पूर्व में असम में एक खुफिया अभियान के सिलसिले में उनपर तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा जनरल सुहाग पर ‘अनुशासन’ कार्यवाही (प्रोन्नति पर रोक) की गई थी, जिसे मई 2012 में तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह द्वारा हटा लिया गया.

• जनरल दलबीर सिंह सुहाग 'उत्तम युद्ध सेवा पदक', 'परम विशिष्ट सेवा पदक', 'विशिष्ट सेवा पदक' तथा 'अति विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किए जा चुके हैं.

#पृष्ठभूमि:

अमेरिका ने सेना प्रमुख दलबीर सिंह को अप्रैल 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान उन्हें पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया था. नेपाल में आए भूकंप और आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए दलबीर सिंह के नेतृत्व की सराहना की गई.

सेना प्रमुख दलबीर सिंह की वैश्विक शांति व्यवस्था में भारतीय सेना के योगदान को बनाए रखने के लिए सराहना की गई. भारत-यूएस सेना में सेना द्विपक्षीय जुड़ाव में विस्तार, अंत: क्रियाशीलता और निकट कार्यात्मक सहयोग दलबीर सिंह सुहाग के नेतृत्व में आगे बढ़ा. जिससे वे इस सम्मान के हकदार बने.

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