भारत द्वारा अफगानिस्तान में ‘तत्काल व्यापक युद्ध विराम’ की मांग की गयी है।
- हाल ही में, अरिया-फार्मूला (Arria Formula) के तहत बुलाई गयी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council- UNSC) की बैठक में, भारत ने फिर से दोहराया है, कि ‘अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए डूरंड रेखा (Durand Line) के पार से जारी आतंकवाद के सुरक्षित ठिकानों और शरण स्थलों को समाप्त करना होगा।
- ज्ञातव्य है, कि अरिया-फार्मूला के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों द्वारा अनौपचारिक रूप से मीटिंग बुलाई जाती है।
भारत की चिंता का कारण
- अफगान शांति प्रक्रिया और नाटो / अमेरिकी गठबंधन सेना की समयपूर्व वापसी से आतंकवादी नेटवर्क के लिए फिर से सक्रिय होने के मौके मिल सकते है, जिससे ये अफगानिस्तान और भारत, दोनों को निशाना बना सकते हैं।
- इसी वर्ष मई में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में प्रमाण दिया गया कि, तालिबान द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका को दिए गए आश्वासन के बावजूद, इस क्षेत्र में अल-कायदा अभी भी मौजूद है तथा तालिबान द्वारा इसे आश्रय दिया जा रहा है और यह अफगानिस्तान में सक्रिय है।
आगे की राह
अफगानिस्तान में हिंसा समाप्त करने के लिए आतंकवादी आपूर्ति श्रृंखलाओं को नष्ट करना होगा।
भारत द्वारा अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए चार आवश्यकताएं सुझाई गयी हैं:
- इस प्रक्रिया को अफगान के नेतृत्व में और अफगान के स्वामित्व में संपन्न होना चाहिए।
- आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) होनी चाहिए।
- महिलाओं के अधिकारों को मजबूती से संरक्षित किये जाने चाहिए और साथ ही अल्पसंख्यकों के अधिकारों और निर्बल लोगों की सुरक्षा हेतु उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
- अफगानिस्तान के पारगमन अधिकारों का उपयोग, अन्य देशों द्वारा ‘अफगानिस्तान से राजनीतिक कीमत’ वसूलने हेतु नहीं किया जाना चाहिए।
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