अनुच्छेद 131
* केरल सरकार ने 14 जनवरी 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है यह याचिका भारत के संविधान के अनुच्छेद 131 के अंतर्गत दायर किया गया है
* केरल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने वाला पहला राज्य बन गया है
* केरल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 का उपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है सरकार ने कोर्ट से नागरिकता कानून को मूल अधिकारों का उल्लंघन करने वाला घोषित करने की मांग की है
* संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट को ये अधिकार देता है कि वो राज्य बनाम राज्य या फिर राज्य बनाम केंद्र के मामलों की सुनवाई करे तथा उस पर फैसला दे
* अनुच्छेद 131 के अंतर्गत राज्य और केंद्र में यदि किसी बात को लेकर विवाद हो तो उस स्थिति में राज्य सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है
* राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवाद होने पर संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट को फैसला देने का विशेष अधिकार प्रदान करता है
* अगर राज्य से राज्य का कोई विवाद हो तो उस स्थिति में भी यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को निर्णय का विशेष अधिकार देता है
* इन परिस्थितियों में कोर्ट को यह अधिकार प्राप्त होता है-
> अगर भारत सरकार और एक या एक से ज्यादा राज्यों के बीच विवाद हो
> अगर भारत सरकार और एक राज्य या एक से ज्यादा राज्य एक तरफ व एक या एक से ज्यादा दूसरी तरफ हों
> अगर दो या दो से अधिक राज्यों के बीच कोई विवाद हो
* नागरिकता (संशोधन) कानून को ऐसा पांचवा मामला बताया जा रहा है, जिसमें केरल की सरकार ने आर्टिकल 131 के उपयोग के जरिए विवाद के निपटारे की अपील की है
* इस अनुच्छेद के इस्तेमाल का पहला मामला साल 1963 में सामने आया था इसमें बंगाल की सरकार ने केंद्र के बनाए एक कानून का विरोध किया था
* पश्चिम बंगाल की सरकार ने कोयला पाए जाने वाले इलाकों के लिए बनाए गए केंद्र सरकार के कोल बियरिंग एरियाज़ अधिनियम 1957 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी
* अनुच्छेद 131 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट इसके जरिए उन्हीं मसलों पर फैसला दे सकती हैं, जहां केंद्र तथा राज्यों के अधिकारक्षेत्र का मसला सामने आता है
* सरकारों के बीच आपसी झगड़े तथा छोटे-मोटे विवाद का इस अनुच्छेद से कोई लेना-देना नहीं है
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