राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. NGT का कहना है कि वहां की सरकार कोलकाता और हावड़ा में एयर क्वॉलिटी सुधारने में नाकाम रही. NGT ने दो साल पहले पश्चिम बंगाल सरकार को एयर क्वॉलिटी सुधारने को कहा था.
न्यायमूर्ति एस पी वांगड़ी और गैर न्यायिक सदस्य नागिन नंदा ने मंगलवार को कहा कि आदेश के दो हफ्ते के भीतर ये जुर्माना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)को जमा किया जाए. ऐसा नहीं करने पर सरकार को हर एक महीने की देरी पर एक करोड़ रुपये और देने होंगे.
पीठ ने कहा कि ये आदेश इसलिए दिया गया क्योंकि NGT के साल 2016 के आदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए जो उपाय सुझाए थे, उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार ने लागू नहीं किया. साल 2016 का आदेश एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित था.
NGT ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को आठ जनवरी 2019 तक एक हलफनामा दायर कर फॉलो अप कार्ययोजना और जुर्माने के भुगतान के बारे में जानकारी देने का आदेश भी दिया है.
फैसला सुनाते हुए NGT ने सरकार को कई सुझाव भी दिए हैं. हवाड़ा और कोलकाता में डीज़ल गाड़ियों की संख्या कम करने को कहा है. इसके अलावा ये भी कहा गया है कि सरकार ऑड-इवेन के आधार पर गाड़ी चलाने के बारे में विचार करे.
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