Monday 28 May 2018

समग्र शिक्षा अभियान

समग्र शिक्षा अभियान
मानव संसाधन विकास मंत्री ने 24 मई 2018 को सरकार की महत्वाकांक्षी ‘समग्र शिक्षा योजना’ की शुरूआत की. इसके माध्यम से शिक्षा का स्तर सुधारने तथा तकनीकी इस्तेमाल बढ़ाकर विद्यार्थी और शिक्षकों को अधिक सशक्त बनाया जायेगा.
इस योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है तथा साथ ही बच्चों को समग्र रूप से विकास की ओर अग्रसर करना है.
• पांचवी तक के स्कूल में खेल सामग्री के लिए हर साल 5,000 रुपये, दसवीं तक के स्कूल में 10,000 तथा 12वीं तक के स्कूलों में 15,000 रुपये दिए जाएंगे.
• सभी स्कूलों में एक घंटा फिजिकल एक्टिविटी के लिए देना अनिवार्य होगा.
• स्कूलों में लाइब्रेरी होना बेहद जरूरी है, इसके लिए केंद्र सरकार स्कूलों को किताबों के लिए हर वर्ष 5,000 से लेकर 20,000 तक की सहायता राशि मुहैया कराएगा.
• दूर-दराज और गांव में रहने वाली लड़कियों को शिक्षा देने के लिए आरंभ की गई कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना पहले छठी से नौवीं तक ही सीमित थी. इसे अब छठी से बारहवीं तक बढ़ाया गया है.
• विकलांग विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए 200 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा.
• कौशल भारत में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी.
इस कार्यक्रम में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय-माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा शिक्षक प्रशिक्षण के सभी अवयवों का समावेश है.
यह योजना मुख्य रूप से digital education पर focus करेगी.
उद्देश्य
1.गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना.
2.विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि करना.
3. विद्यालयों में सामजिक एवं लैंगिक स्तर पर देखी जाने वाली कमियों की भरपाई करना तथा शिक्षा को रोजगार-उन्मुखी बनाना
4. SCERT एवं Diets जैसे शिक्षक प्रशीक्षण संस्थानों को सुदृढ़ करना जिससे कि शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार हो सके.
5. पुस्तकालयों को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक विद्यालय को 5,000 रु. से लेकर 20,000 रु तक का वार्षिक अनुदान देना.
योजना का महत्व
समग्र विकास के लिए समग्र शिक्षा आवश्यक है जिसके चलते यह योजना महत्वपूर्ण है.
इस योजना में तकनीक के इस्तेमाल से शिक्षकों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जानकारी में इजाफा हो सकेगा.
विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि कौशल भारत में उनका योगदान सुनिश्चित किया जा सके..

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