Friday 19 October 2018

Important Questions

Important Questions

1. राजतरंगीनी कल्हण द्वारा लिखी पहली ऐतिहासिक पुस्तक मानी जाती है.
2. पृथ्वीराजरासो की रचना पृथ्वीराजचौहान के दरबारी कवि चन्दबरदाई द्वारा किया गया है.
3. हर्षचरित की रचना बाणभट्ट के द्वारा की गयी थी.
4. अभिज्ञानशाकुन्तल की रचना कालिदास के द्वारा की गयी.
5. स्व्प्नवासवद्ता भास के द्वारा लिखा गया था.
6. सातवाहन राजा हाल द्वारा गाथा सप्तशती द्वारा लिखा गया था.
7. मतविलास प्रहसन पल्लव राजा महेन्द्रवर्मन द्वारा लिखा गया था.
8. रत्नावली,नागानंद एवं प्रियदर्शिनी की रचना हर्षवर्धन द्वारा किया गया.
9. मनसोल्लास सोमेश्वर द्वारा किया गया.
10. 1776 में मनुस्मृति का अनुवाद ए कोड ऑफ़ जेंटू लॉज़ के नाम से किया गया.
11. सर विलियम जोंस एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल का संस्थापक था.
12. सर विलियम जोंस ने 1789 में अभिज्ञानशाकुन्तल का अंग्रेजी में अनुवाद किया था.
13. वंडर दैट वाज इंडिया A.L बाशम के द्वारा किया गया था.
14. हिस्टोरिका नमक पुस्तक की रचना हेरोडोटस के द्वारा की गयी थी.
15. मेगास्थनीज जो सेल्यूकस का राजदूत था ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी थी.
16. प्राचीन भारत में दक्षिणी बंदरगाहों से रोमन व्यापार के बारे में पेरिप्लस ऑफ़ द अरिथ्रीयन सी में विवरण मिलता है.
17. टोलेमी की जिओग्राफिका प्राचीन भारतीय भूगोल के बारे में जानकारी देती है.
18. डाइमेकस सीरियन नरेश एंटीयोकस का राजदूत था जो बिंदुसार के दरबार में आया था.
19. डायनोसियस मिश्र नरेश टॉलमी फिलाडेल्फस का राजदूत था जो अशोक के दरबार में आया था.
20. भारत का भूगोल नामक पुस्तक टॉलमी ने लिखा था.
21. नेचुरल हिस्ट्री नामक पुस्तक प्रथम शताब्दी में प्लिनी द्वारा लिखी गई जिसमें भारतीय पशु ,पेड़-पौधे तथा खनिज पदार्थों के बारे में विवरण मिलता है.
22. फाह्यान चंद्रगुप्त द्वितीय(गुप्त शासक) के शासनकाल में भारत आया था.
23. फाहियान ने फू-को-की रचना की थी.
24. हुएनसांग हर्षवर्धन के समय 629 ईसवी में भारत आया था.
25. व्हेनसांग ने भारत में अपनी यात्रा वृतांत की रचना सी-यू-की की के रूप में की.
26. सयुंगन 518 ईसवी में भारत आया था.
27. सुलेमान अरबी लेखक था जो 9 वीं शताब्दी में पाल और प्रतिहार काल में भारत आया था.
28. अलबरूनी महमूद ग़ज़नवी का समकालीन था जिसने तहकीक-ए-हिंद( किताब-उल-हिंद) नामक पुस्तक लिखीं.
29. इब्नबतूता उसके अरबी भाषा में लिखें यात्रा वृतांत को रेहला कहा जाता था.
30. इब्नबतूता मोहम्मद बिन तुगलक के समय में दिल्ली का काजी नियुक्त किया गया था.
31. फिरोजशाह तुगलक ने अशोक के दो शिलालेख मेरठ एवं टोपरा से दिल्ली मंगवाया था.
32. अशोक के शिलालेख को जेम्स प्रिंसेप ने 1837 में पहली बार पढ़ा था.
33. प्रयाग प्रशस्ति तथा एरण अभिलेख समुद्रगुप्त से संबंधित है.
34. जूनागढ़ अभिलेख शक शासक रुद्रदामन से संबंधित है.
35. भीतरी स्तंभलेख स्कंद गुप्त के काल का है.
36. हाथीगुंफा अभिलेख कलिंग शासक खारवेल के काल का है.
37. ऐहोल अभिलेख चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय के काल का है.
38. ग्वालियर प्रशस्ति प्रतिहार राजा भोज के काल का है.
39. देवपाड़ा अभिलेख विजयसेन द्वारा अभीलेखित है.
40. मधुबनी एवं बांसखेड़ा अभिलेख हर्षवर्धन से संबंधित है.
41. मंदसौर प्रशस्ति यशोवर्धन से संबंधित है.
42. नासिक अभिलेख सातवाहन राजा गौतमी बलश्री के द्वारा उल्लेखित था.
43. रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत भाषा में जारी प्रथम अभिलेख माना जाता है.
44. समुद्रगुप्त के प्रयाग स्तंभ लेख की रचना हरिषेण ने की थी.
45. भानुगुप्त के एरण अभिलेख में है सर्वप्रथम सती प्रथा का उल्लेख मिलता है.
6. स्कंदगुप्त के भीतरी अभिलेख में हूणों के आक्रमण का उल्लेख मिलता है.
47. अरबों की सिंध विजय का वृत्तांत चचनामा में सुरक्षित है जिसके लेखक अली अहमद थे.
48. अष्टाध्याई संस्कृत भाषा व्याकरण की प्रथम पुस्तक थी जिसके लेखक पाणिनि थे.
49. स्त्रियों की गिरी हुई स्थिति का विवरण मैत्रेयनी संहिता से प्राप्त होता है.
50. मनुस्मृति शुंग काल का मानक ग्रंथ है.
51. नारद स्मृति गुप्त युग के संबंध में जानकारी देता है.
52. कात्यायन द्वारा लिखित गार्गी संहिता से भारत पर होने वाले यवन आक्रमण का उल्लेख मिलता है.
53. महाभाष्य पतंजलि के द्वारा लिखा गया है जो पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित थे.
54. हुएनसांग के अध्ययन के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे.
55. तारानाथ एक तिब्बती बौद्ध लेखक थे जिन्होंने कंग्युर एवं तंग्युर की रचना की थी.
56. मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में पांड्य राजा के शासनकाल में भारत आया था.
57. 1460 पूर्व के बोगजकोई अभिलेख से मित्र, वरुण इंद्र और नास्तय का विवरण मिलता है.
58. सोहगौरा अभिलेख से अकाल की जानकारी मिलती है.
59. सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र है हाथीगुंफा अभिलेख से प्राप्त होता है.
60. मंदसौर अभिलेख रेशम बुनकर की श्रेणियों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है.
61. सर्वप्रथम सिक्कों पर लेख लिखने का काम यवन शासकों ने किया था.
62. वीणा बजाती हुई मुद्रा वाली सोने के सिक्के समुद्रगुप्त के काल में प्राप्त हुए हैं.
63. महाजनपदों की संख्या 16 है.
64. महाजनपदों के बारे में जानकारी बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तरनिकाय से मिलता है

               

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