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पाकिस्तान में चुनाव नजदीक हैं और वहां सेना इस समय किसी लीडरशिप के प्रति जवाबदेह नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से सीमा पर गोलाबारी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पाकिस्तान ने इस साल अब तक जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर 480 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। पिछले साल 111 संघर्षविराम उल्लंघन की तुलना में यह 400 फीसदी से भी ज्यादा है। इस दौरान पाकिस्तान की फौज ने न सिर्फ भारतीय चौकियों और गांवों को निशाना बनाया बल्कि पाक स्नाइपरों ने भारतीय जवानों पर भी फायरिंग की।
उधर, खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं 25 जुलाई को होनेवाले पाकिस्तान के आम चुनाव तक जारी रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI क्षेत्र में सक्रिय हो गई है और वह बीएसएफ जवानों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों का सहारा ले रही है, जिन्हें पाकिस्तान रेंजर्स का भी सहयोग मिलता रहा है।
बीएसएफ चीफ के. के. शर्मा ने भारत की ओर से मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है। ऐसे में पिछले दो वर्षों में एक दर्जन बार पाकिस्तान को संघर्षविराम के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की फोर्सेज अपनी बातों पर कायम नहीं रहती और दोनों पक्षों की फ्लैग मीटिंग के कुछ घंटे बाद ही फायरिंग शुरू कर दी जाती है।
Source NBT
पाकिस्तान में चुनाव नजदीक हैं और वहां सेना इस समय किसी लीडरशिप के प्रति जवाबदेह नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से सीमा पर गोलाबारी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पाकिस्तान ने इस साल अब तक जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर 480 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। पिछले साल 111 संघर्षविराम उल्लंघन की तुलना में यह 400 फीसदी से भी ज्यादा है। इस दौरान पाकिस्तान की फौज ने न सिर्फ भारतीय चौकियों और गांवों को निशाना बनाया बल्कि पाक स्नाइपरों ने भारतीय जवानों पर भी फायरिंग की।
उधर, खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं 25 जुलाई को होनेवाले पाकिस्तान के आम चुनाव तक जारी रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI क्षेत्र में सक्रिय हो गई है और वह बीएसएफ जवानों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों का सहारा ले रही है, जिन्हें पाकिस्तान रेंजर्स का भी सहयोग मिलता रहा है।
बीएसएफ चीफ के. के. शर्मा ने भारत की ओर से मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है। ऐसे में पिछले दो वर्षों में एक दर्जन बार पाकिस्तान को संघर्षविराम के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की फोर्सेज अपनी बातों पर कायम नहीं रहती और दोनों पक्षों की फ्लैग मीटिंग के कुछ घंटे बाद ही फायरिंग शुरू कर दी जाती है।
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