दैनिक समसामयिकी
15 June 2018(Friday)
1.18 अयोग्य विधायकों के मामले में चेन्नई हाईकोर्ट का खंडित फैसला
• अन्नाद्रमुक सरकार को राहत देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अन्नाद्रमुक के बागी 18 विधायकों की अयोग्यता के मामले में खंडित फैसला सुनाया।
• प्रधान न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल द्वारा 18 विधायकों को अयोग्य करार देने के आदेश को बरकरार रखा, जबकि उनके साथ न्यायमूर्ति एम. सुंदर ने अध्यक्ष के फैसले को अवैध करार दिया। न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, फैसलों में विरोधाभास के मद्देनजर मामले को अब तीसरे न्यायाधीश के पास भेजा जाएगा।
• प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया कि वह तीसरे न्यायाधीश पर फैसला नहीं करेंगी और फैसला वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा लिया जाएगा। न्यायमूर्ति कुलुवड़ी रमेश द्वारा तीसरे न्यायाधीश के नाम को तय किए जाने की संभावना है। स्थिति को बनाए रखते हुए अदालत ने यह भी कहा कि जब तक मामले पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक कोई उपचुनाव नहीं होगा।
• प्रधान न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, अध्यक्ष के निर्णय को अतर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता और अदालत को उसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।वहीं दूसरी तरफ, न्यायामूर्ति सुंदर ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश से अलग राय रखते हैं और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि उच्च न्यायालय उस वक्त अध्यक्ष के फैसले में हस्तक्षेप कर सकता है, जब वह फैसला कानून की सीमाओं के बाहर हो।
• तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष धनपाल ने राज्यपाल से मिलने के बाद 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था और मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के बहुमत खोने को चिंता व्यक्त करते हुए एक ज्ञापन सौंपा था। धनपाल ने राज्यपाल से एक नया मुख्यमंत्री नियुक्त करने का भी अनुरोध किया था।
• अध्यक्ष की कार्रवाई के खिलाफ अयोग्य विधायकों ने सितंबर, 2017 में मामला दाखिल किया था, जो उच्च न्यायालय के समक्ष तभी से लंबित है। अदालत ने 24 जनवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। तमिलनाडु के वकील जनरल विजय नारायणन ने फैसले से कुछ घंटे पहले पलानीस्वामी से मुलाकात की थी।
2. भारत ने रद्दी की टोकरी में डाली कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की मनमानी रिपोर्ट
• जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन को लेकर आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को भारत ने सिरे से खारिज करते हुए रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। रिपोर्ट को भ्रामक, शरारतपूर्ण और पूर्वाग्रह से प्रेरित बताते हुए भारत ने रिपोर्ट की मंशा पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
• साथ ही कहा है कि इस रिपोर्ट का मकसद साफ तौर पर शरारतपूर्ण और गलत धारणा का प्रचार करना है। परोक्ष रूप से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त जार्डन के प्रिंस जाइद निशाने पर हैं, जो शुरुआत से पाकिस्तान समर्थक माने जाते रहे हैं।
• भारत ने संयुक्त राष्ट्र को आगाह भी किया है कि व्यक्तिगत पूर्वाग्रह कहीं संस्था की विश्वसनीयता को धूमिल न कर दे।
• विदेश मंत्रलय ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जम्मू-कश्मीर पर गुरुवार को आई रिपोर्ट पर बेहद सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही। रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में नागरिकों के मानवाधिकार के कथित उल्लंघन का दावा किया गया है।
• विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट आने के तत्काल बाद इसकी धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि यह भारत की अखंडता और संप्रभुता का अतिक्रमण करती है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसके एक हिस्से पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर रखा है। भारत के अनुसार, भेदभाव से ग्रस्त यह रिपोर्ट भ्रामक और आधारहीन बातों पर गलत तस्वीर पेश कर रही है।
• विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रिपोर्ट में किए गए तमाम दावों की कोई जांच पड़ताल या पुष्टि नहीं की गई है। साथ ही चुनिंदा सूचनाओं के आधार पर पूर्वाग्रह पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
• विदेश मंत्रलय ने कहा-भ्रामक, शरारतपूर्ण व पूर्वाग्रह से ग्रसित है रिपोर्ट
• मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त जार्डन के प्रिंस पर भी साधा निशाना
3. तूफान से नासा के अपॉरच्युनिटी यान पर खतरा, कम हुई ऊर्जा
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को कहा कि मंगल पर रेतीले तूफान के कारण उसका अपॉरच्युनिटी यान खतरे में पड़ गया है। सौर ऊर्जा संचालित यह रोवर साल 2004 में लाल ग्रह पर उतरा था।
• अपॉरच्युनिटी प्रोजेक्ट के मैनेजर जॉन कॉलस ने कहा, ‘हम चिंतित हैं। उम्मीद करते हैं कि तूफान बंद हो जाएगा और रोवर हमसे संपर्क करने में सक्षम हो जाएगा।’
• लाल ग्रह पर 30 मई से तूफान शुरू होने के बाद से रोवर की ऊर्जा क्षीण हो गई है। तूफान के चलते इसे ऊर्जा के मुख्य स्रोत यानी सूर्य की रोशनी नहीं मिल पा रही है। नासा के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि अपॉरच्युनिटी खुद-ब-खुद पावर सेविंग मोड में चला गया है। इससे उसका ज्यादातर फंक्शन ठप पड़ गया है।
• रोवर को अत्यंत ठंडे मंगल ग्रह पर ठीक से काम करने के लिए अपनी बैटरियों के तापमान को बनाए रखना जरूरी है। कॉलस ने कहा, ‘मंगल पर गर्मी शुरू होने वाली है। इससे तापमान में बढ़ोतरी होगी। इस समय मंगल का एक चौथाई हिस्सा तूफान की चपेट में है।
• यह हिस्सा पूरे अमेरिकी महाद्वीप के बराबर है।’ नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट के निदेशक जिम वत्जिन ने कहा, अनुमान है कि यह तूफान आने वाले दिनों में पूरे मंगल को अपनी चपेट में ले लेगा। इस ग्रह पर ऐसे हालात 2001 और 2007 में भी पैदा हुए थे।
• वैज्ञानिकों को यह पता नहीं है कि मंगल पर तूफान कब बंद होगा और रोवर उसी सूरत में नई सौर ऊर्जा पैदा करेगा जब उसके सभी सिस्टम सही तरह काम करते रहेंगे।
No comments:
Post a Comment