Saturday 28 April 2018

Mahadevi Varma Google Doodle: हिंदी कवयित्री महादेवी वर्मा के 5 शानदार Quotes, गूगल ने डूडल बनाकर दिया सम्मान

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नई दिल्ली: महादेवी वर्मा (Mahadevi Varma) को गूगल ने अपने अंदाज में सम्मानित किया है. गूगल ने अपना डूडल महादेवी वर्मा को समर्पित किया है. महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य में कविता के छायावाद युग के चार आधार स्तंभों में से हैं. हिंदी साहित्य में छायावाद दुख और वेदना की कविता से जुड़ा है और हिंदी कवियित्री महादेवी वर्मा के गद्य और पद्य दोनों में ये पर्याप्त मात्रा में मिलता है. महादेवी वर्मा (Mahadevi Varma) ने प्रचूर मात्रा में गद्य और पद्य साहित्य का सृजन किया है. उन्होंने 'नीहार', 'रश्मि', 'नीरजा', 'सांध्यगीत', 'दीपशिखा', 'सप्तपर्णा', 'प्रथम आयाम' और 'अग्निरेखा' जैसे काव्य संग्रहों का सृजन किया है. इसके अलावा उन्होंने गद्य की रचना भी की है. उनके रेखाचित्र 'अतीत के चलचित्र' और 'स्मृति की रेखाएं' काफी लोकप्रिय हैं जबकि उनके संस्मरण 'पथ के साथी' और 'मेरा परिवार' भी कमाल के हैं. महादेवी वर्मा का कहानी संग्रह 'गिल्लू' तो बहुत ही लोकप्रिय है और गहरे तक असर करती हैं.

महादेवी वर्मा को उनकी साहित्य यात्रा के लिए 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था जबकि 1982 में उन्हें साहित्य के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी नवाजा गया था. यही नहीं, 1988 में पद्म विभूषण भी दिया गया. महादेवी महात्मा गांधी से काफी प्रभावित थीं और जन सेवा के उनके बताए मार्ग का अनुसरण किया करती थीं. वे सादगी भरा जीवन जीने में यकीन करती थीं और इस बात की झलक उनके साहित्य में भी मिल जाती है. उनके विचार भी उच्च कोटि के थे और जीवन का दर्शन उनमें गहरे तक समाया हुआ था.
महादेवी वर्मा के ऐसे ही 5 कोट्सः
1. अपने विषय में कुछ कहना पड़े : बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को
2. वे मुस्कुराते फूल, नहीं जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना.

3. मैं किसी कर्मकांड में विश्वास नहीं करती. …मैं मुक्ति को नहीं, इस धूल को अधिक चाहती हूं.
4. गृहिणी का कर्त्तव्य कम महत्वपूर्ण नहीं है, यदि स्वेच्छा से स्वीकृत हो.
5. कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं. जो साहस के साथ उनका सम्मान करते हैं.

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