दैनिक समसामयिकी (Current Affairs) के मुद्दों की महत्त्वपूर्ण जानकारी आज के इस लेख द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी है –
वैश्विक मातृ-पितृ दिवस-2022
दुनिया भर में वैश्विक मातृ-पितृ दिवस हर साल 1 जून को मनाया जाता है। यह एक वार्षिक कार्यक्रम की तरह है जो बच्चों के जीवन में माता-पिता के महत्त्व को उजागर करने के साथ माता-पिता की भूमिका के लिए समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देता है। इस दिवस का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पालन-पोषण और पारिवारिक जीवन के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
हर साल यह दिवस एक विशेष थीम के तहत मनाया जाता है। इस वर्ष के वैश्विक मातृ-पितृ दिवस की थीम ‘family awareness’ है। यह विषय अपने एवं अपने परिवार के भावनात्मक और शारीरिक कल्याण के प्रति सचेत रहने की महत्ता को दर्शाता है।
इस दिवस का इतिहास:
संयुक्त राष्ट्र ने 1980 के दशक के दौरान परिवार से जुड़े मुद्दों पर जोर देना शुरू किया था। फिर वर्ष 1983 में सामाजिक विकास आयोग ने आर्थिक और सामाजिक परिषद की सिफारिशों के आधार पर विकास प्रक्रिया (1983/23) के तहत परिवार की भूमिका से जुड़े अपने संकल्प के लिए निर्णय लेने वालों के बीच जागरूकता बढ़ाने हेतु महासचिव से अनुरोध किया। परिवार की समस्याओं तथा जरूरतों को पूरा करने के प्रभावी तरीकों से जनता को अवगत कराया। महासभा ने वर्ष 2012 में 1 जून को माता-पिता के वैश्विक दिवस के रूप में घोषित किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने लॉन्च किया AAYU ऐप
हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्वास्थ्य और कल्याण ऐप ‘AAYU’ लॉन्च किया है। यह ऐप योग के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवनशैली संबंधी विकारों को दूर करने तथा उन्हें ठीक करने में मदद करेगा। RESET TECH के साथ ऐप विकसित करने के लिए स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (S-VYASA) ने सहयोग किया है। यह ऐप एक AI- संचालित एकीकृत स्वास्थ्य-तकनीक मंच है जिसका उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवन शैली की स्थिति से निपटना है।
AAYU ऐप के बारे में:
• यह ऐप उपयोगकर्ता को व्यक्तिगत कल्याण समाधान प्रदान करेगा।
• उपयोगकर्ता के स्वास्थ्य इतिहास के आधार पर डॉक्टर परामर्श प्रदान करेंगे।
• यह ऐप उपचार और रिकवरी में तेजी लाने में सहायता के लिए प्रगति की निगरानी करेगा।
• यह ऐप विभिन्न भाषाओं में कार्य करता है।
• इसका लक्ष्य अगले पाँच सालों के अंदर 5 मिलियन से अधिक बीमारियों के समाधान तक रोगियों की पहुँच को बढ़ाना है।
एनसीटीई ने लॉन्च किया ऑनलाइन पोर्टल
हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है जो उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों की मान्यता की प्रक्रिया को सरल बनाने में सहायता करेगा। यह पोर्टल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए पाठ्यक्रमों हेतु आवेदन आमंत्रित करने से लेकर संस्थानों के निरीक्षण सहित मान्यता आदेश जारी करने के चरण तक मदद करेगा। इस पोर्टल पर हाल ही में शुरू किए गए चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी।
ITEP के बारे में:
चार वर्षीय ITEP उन छात्रों के लिए विकल्प है जो माध्यमिक के बाद पेशे के रूप में पढ़ाने का विकल्प चुनते हैं। यह एकीकृत पाठ्यक्रम छात्रों का एक वर्ष बचाता है जहाँ छात्र बीएड योजना के लिए पाँच वर्ष लगाते हैं, वहीं इस पाठ्यक्रम को चार वर्ष में पूर्ण कर पाएंगे।
गुजरात सरकार ने किया ईशा आउटरीच के साथ समझौता
मिट्टी संरक्षण पहल ‘Save Soil’ में शामिल होने के लिए गुजरात के जलवायु परिवर्तन विभाग ने ईशा आउटरीच के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और ईशा आउटरीच के संस्थापक एवं आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा अहमदाबाद में किए गए।
ईशा आउटरीच के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता सद्गुरु मृदा पुनर्जनन अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में 100 दिवसीय मोटरसाइकिल यात्रा पर निकले हैं। सद्गुरु द्वारा यूरोप, मध्य एशिया और मध्य पूर्व के माध्यम से 30,000 किलोमीटर की यात्रा मिट्टी के महत्त्व पर नीति-निर्माताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास है। इसी दौरे के हिस्से के रूप में सद्गुरु ‘मिट्टी बचाओ’ पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए गुजरात आए थे।
महत्त्वपूर्ण बिंदु :
• गुजरात इस विश्वव्यापी मृदा संरक्षण अभियान में शामिल होने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
• ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान ईशा फाउंडेशन द्वारा मिट्टी की उर्वरता के वैश्विक नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है।
• मिट्टी की गुणवत्ता का प्रभाव अन्य जीवों के साथ मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है।
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