Sunday 17 June 2018

उत्तर प्रदेश में वन और प्राकृतिक वनस्पतियां

उत्तर प्रदेश में वन और प्राकृतिक वनस्पतियां
-----------------------------------------------------
राज्य में समशीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय, पर्णपाती तथा कटीले के प्रकार के वन पाये जाते है|उत्तर प्रदेश की प्रथम वन नीति वर्ष 1952 और द्वतीय वन नीति वर्ष 1998 में घोषित की गई थी|उत्तर प्रदेश में वन निगम की स्थापना 25 नवम्बर 1974 में की गयी थी |राज्य में कुल वनावरण 14,461 वर्ग किमी है जो उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 6.00% है इसमे 2195 वर्ग किमी में अति सघन वन (0.91%), 4060 वर्ग किमी में मध्यम सघन वन (1.69%), तथा 8206 वर्ग किमी में खुले वन (3.41%) हैं|राज्य में कुल वृक्षावरण 7044 वर्ग किमी है जो उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 92% है  वृक्षावरण में देश में उत्तर प्रदेश का चौथा स्थान है|उत्तर प्रदेश में झाड़ियों का क्षेत्रफल 803 वर्ग किलोमीटर है, जो उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 33% है|   2013 (13वीं रिपोर्ट) से 2015 के बीच वनावरण में वृद्धि: 112 वर्ग किमीसर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले 5 जिले (घटते क्रम में): सोनभद्र, खीरी, मिर्जापुर, पीलीभीत, चित्रकूटसबसे कम वन क्षेत्रफल वाले 5 जिले (बढते क्रम में): भदोही, संत कबीर नगर, मऊ, मैनपुरी, वाराणसीसर्वाधिक वन प्रतिशत वाले 5 जिले(घटते क्रम में): सोनभद्र, चन्दौली, मिर्जापुर, पीलीभीत, चित्रकूटसबसे कम वन प्रतिशत वाले 5 जिले(बढते क्रम में): भदोही, मैनपुरी, संत कबीर नगर , देवरिया, मऊ

वनों से सम्बंधित महत्वपूर्ण योजनायें

सामाजिक वानिकी योजना 1976 में प्रारंभ हुई थी|उ.प्र. वानिकी परियोजना मार्च 1998 में प्रारंभ हुई थी|हरित पटृी विकास योजना 2012-13 में प्रारंभ हुई थी| आपरेशन ग्रीन योजना 2001 में प्रारंभ हुई थी|होटल फॉरेस्ट कवर योजना 2014-15 में प्रारंभ हुई थी|

वन्य जीव संरक्षण

देश में वन्य जीवों के संरक्षण की सर्वोच्च संस्था भारतीय वन्य जीव है जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता हैउत्तर प्रदेश में प्राणी उद्यान (चिडि़या घर) लखनऊ व कानपुर में संचालित है|भारत का प्रथम रात्रि वन्य जीव पार्क (नाइट सफारी पार्क) ग्रेटर नोएडा में है|राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में वन्य जीव (शेर) पार्क (लायन सफारी पार्क) इटावा में हैराष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में हाथी पार्क (एलीफैंट सफारी) इटावा में है |हाथियों के पुनर्वास हेतु रेस्क्यू सेन्टर चम्बल क्षेत्र इटावा में है|भालुओं के पुनर्वास हेतु रेस्क्यू सेन्टर मथुरा में है |देश का सबसे बड़ा घडि़याल अभ्यारण्य चम्बल नदी क्षेत्र में है|देश का पहला डॉल्फिन सूचना केन्द्र चम्बल नदी क्षेत्र में है |मयूर संरक्षण केन्द्र वृदावन प्रस्तावित है|राष्ट्रीय उद्यान दुधवा, खीरी है जिसे 1977 में घोषित किया गया था|प्रदेश का प्रथम टाइगर रिजर्व बाघ अभ्यारण्य दुधवा में है जिसे 1987 में घोषित किया गया थाप्रदेश का दूसरा टाइगर रिजर्व पीलीभीत-शाहजहाँपुर में है जिसे जून, 2014 में घोषित किया गया था|राज्य में इको-टूरिज्म पॉलिसी 2014 में घोषित की गयी थी|उत्तर प्रदेश में कुल वन्य जीव विहार 11 है|उत्तर प्रदेश में कुल पक्षी विहार 13 है|राज्य का प्रथम वन्य जीव विहार चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार है जिसे चन्दौली में 1957 स्थापित किया गया था|उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव विहार हस्तिनापुर वन्य जीव विहार है जिसका क्षेत्रफल 2,073 वर्ग किमी है|उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा वन्य जीव विहार महावीर स्वामी वन्य जीव विहार है जिसका क्षेत्रफल 5.40 वर्ग किमी है तथा ललितपुर में स्थित है|उत्तर प्रदेश का राज्य का प्रथम पक्षी विहार नबाबगंज में स्थित है| जिसे 1984 में स्थापित किया गया था|उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पक्षी विहार लाख बहाशी पक्षी विहार है जो कन्नौज में स्थित है |उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा पक्षी विहार पटना पक्षी विहार है जो एटा में स्थित है

No comments: