Monday 19 April 2021

आरबीआई के समक्ष ‘ऑन टैप’ लाइसेंस हासिल करने हेतु आवेदन

संदर्भ:

भारतीय रिज़र्व बैंक को ‘ऑन-टैप’ यूनिवर्सल प्राइवेट बैंक लाइसेंस और ‘लघु वित्त बैंक’ लाइसेंस हेतु, दोनों के लिए, चार-चार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

यह प्रक्रिया, इस प्रकार के लाइसेंसों के लिए आरबीआई द्वारा अगस्त 2016 और दिसंबर 2019 में जारी किए गए दिशानिर्देशों का हिस्सा है।

कौन आवेदन कर सकता है?

केंद्रीय बैंक द्वारा, अगस्त 2016 में, जारी दिशानिर्देशों के अनुसार:

‘यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस’ की मांग करने वाली पात्र इकाईयों के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:

  1. आवेदनकर्ता व्यक्तियों / इकाईयों के पास बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में वरिष्ठ पद का कार्य करने का कम से कम 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए। ‘लाइसेंस’ के लिए इच्छुक निजी कंपनियों या समूहों के लिए न्यूनतम 10 वर्षों का सफल बैंकिंग रिकॉर्ड होना आवश्यक है।
  2. इस प्रकार के लाइसेंस हेतु आवेदन करने वाले समूहों या कंपनियों के पास 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति होनी चाहिए और गैर-वित्तीय व्यवसायों का इन परिसंपत्तियों में 40% या अधिक नहीं होना चाहिए।

‘लघु वित्त बैंक लाइसेंस’ के लिए आवेदन करने हेतु पात्रता:

  1. आवेदनकर्ता व्यक्तियों के पास बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में वरिष्ठ पद का कार्य करने का न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
  2. इन लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले समूहों, कंपनियों, मौजूदा भुगतान बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और सहकारी बैंकों के पास कम से कम पांच साल का सफल ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए।

पृष्ठभूमि:

अप्रैल 2014 में, आरबीआई द्वारा ‘बंधन बैंक’ लिमिटेड और ‘IDFC बैंक’ को यूनिवर्सल बैंकिंग ऑपरेशन शुरू करने हेतु सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। इसके बाद IDFC बैंक, ‘कैपिटल फर्स्ट लिमिटेड’ (Capital First Ltd.) के साथ विलय होकर, IDFC फर्स्ट बैंक बन गया।

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