Monday 19 April 2021

भारत, अमेरिकी ट्रेजरी की मुद्रा निगरानी सूची में शामिल

 प्रसंग:

हाल ही में, अमेरिका ट्रेजरी द्वारा, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मैक्रोइकॉनॉमिक और विदेशी मुद्रा नीतियों पर एक रिपोर्ट जारी की गई है।

  • इस अर्द्ध वार्षिक रिपोर्ट का अप्रैल 2021 संस्करण बिडेन प्रशासन की पहली रिपोर्ट है।
  • यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को प्रस्तुत की जाती है और अमेरिका के 20 सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा-कार्यप्रणालियों की समीक्षा करती है।

प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की समीक्षा करने हेतु तीन मानदंडों का उपयोग किया जाता है:

  1. एक महत्वपूर्ण (कम से कम $ 20 बिलियन) द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष
  2. एक सामग्री चालू खाता अधिशेष
  3. विदेशी मुद्रा बाजारों में लगातार सतत हस्तक्षेप

नवीनतम रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:

भारत, अपनी मुद्रा-कार्यप्रणालियों के संदर्भ में निगरानी सूची’ में शामिल 11 देशों में से एक है।

  • दिसंबर 2020 में जारी रिपोर्ट में भी भारत इस सूची में शामिल था।
  • भारत के अलावा इस सूची में शामिल अन्य 10 देश, चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और मैक्सिको हैं।
  • भारत, तीन में से दो मानदडों को पूरा करता है- “व्यापार अधिशेष” मानदंड और “निरंतर, एकतरफा हस्तक्षेप” मानदंड।

‘मुद्रा-हेरफेर’ / करंसी मैन्युपुलेशन’ क्या है?

‘किसी देश द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ’ हासिल करने के लिए जानबूझकर अपनी मुद्रा और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर को प्रभावित करने’ को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा ‘मुद्रा हेरफेर’ (Currency Manipulation) के रूप में परिभाषित किया जाता है।

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