Thursday, 18 March 2021

अप्रैल में भारत आएंगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जानें विस्तार से

 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल में भारत का दौरा करेंगे. बोरिस जॉनसन के भारत दौरे का उद्देश्य यूके के लिए और अधिक अवसरों को तलाशना होगा. साथ ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के इस दौरे का मुख्य उद्देश्‍य भारत के साथ मिलकर चीन के खिलाफ खड़ा होना है.

खास बात है कि ब्रेक्सिट के बाद बोरिस जॉनसन का यह पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा होगा. इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उनका भारत आना तय था, लेकिन कोरोना वायरस मामले बढ़ने के कारण उन्होंने यात्रा को रद्द कर दिया था. हालांकि,  तब उन्होंने जल्द ही भारत आने की बात कही थी.

अप्रैल के अंत में भारत का दौरा

बोरिस जॉनसन अप्रैल के अंत में भारत का दौरा करेंगे. इस क्षेत्र में ब्रिटेन के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद उनकी पहली प्रमुख अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी.

हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार

वैसे बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने मजबूत संबंधों को संरक्षित करते हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने के उद्देश्य से ब्रिटिश सरकार देश की ब्रेक्सिट रक्षा और विदेश नीति की प्राथमिकताओं को सामने रखेगी.

एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स का वार्ता

बीते महीने ब्रिटेन ने कॉम्प्रेहैंसिव एंड प्रोग्रेसिव एग्रीमेंट फॉर ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (CPTPP) में शामिल होने के लिए औपचारिक अनुरोध किया है. साथ ही देश ने एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) का वार्ता साझेदार बनने के लिए भी आवेदन किया है.

यूके और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद

यूके और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं, इनमें हांगकांग, कोविड-19 महामारी और हुआवेई को ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में सक्रिय भूमिका से वंचित करना प्रमुख हैं. वहीं, क्‍वीन एलिजाबेथ विमान वाहक पोत की संभावित तैनाती से दक्षिण चीन सागर में सैन्य तनाव बढ़ने की आशंका है. चीन इस क्षेत्र में अपना अधिकार जमाना चाहता है.

भारत और ब्रिटेन: एक नजर में

बता दें कि बोरिस जॉनसन का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और ब्रिटेन लगातार संवाद में जुटे हैं. ब्रिटेन ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के कोर्नवाल क्षेत्र में जून में होने वाले जी 7 सम्मेलन में शरीक होने का न्योता दिया.

जी-7: शिखर सम्मेलन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जून में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं. जून में कॉर्नवल में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है. ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है.

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