इथेनॉल उत्पादन
संदर्भ:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इथेनॉल आसवन क्षमता को बढ़ाने के लिए संशोधित योजना को मंजूरी दी है, इसके तहत शीरा के अलावा अनाज (चावल, गेहूं, जौ, मक्का और सोरघम), गन्ना और चुकंदर जैसी खाद्य वस्तुओं से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा।
निहितार्थ:
- इस निर्णय से जौ, मक्का, मक्का और चावल जैसे अनाज से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना से उत्पादन और आसवन क्षमता में 1,000 करोड़ लीटर तक की वृद्धि होगी और वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल के मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
‘इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल’ कार्यक्रम के बारे में:
- इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (Ethanol Blended Petrol– EBP) कार्यक्रम को वर्ष 2003 में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है।
‘इथेनॉल’ क्या होता है?
इथेनॉल एक जैव ईधन है और मकई, गन्ना, जूट, आलू जैसे कृषि उत्पादों के जैवभार से निर्मित उप-उत्पाद (by-product) होता है।
इथेनॉल (Ethanol)
- इथेनॉल का उत्पादन स्टार्च की उच्च मात्रा वाली फसलों, जैसे कि गन्ना, मक्का, गेहूँ आदि से किया जा सकता है।
- भारत में, इथेनॉल का उत्पादन मुख्यतः गन्ना के शीरे से किण्वन प्रक्रिया द्वारा किया जाता है।
- इथेनॉल को विभिन्न सम्मिश्रणों को बनाने के लिए गैसोलीन के साथ मिश्रित किया जा सकता है।
- चूंकि इथेनॉल के अणुओं में ऑक्सीजन पाया जाता है, जिसकी वजह से इंजन, ईंधन को पूर्णतयः दहन करने में सक्षम होता है, परिणामस्वरूप उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
- इथेनॉल का उत्पादन सूर्य की उर्जा प्राप्त करने वाले पादपों से किया जाता है, इसलिए इथेनॉल को नवीकरणीय ईंधन भी माना जाता है।
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