Wednesday 19 February 2020

Geography Questions

Geography Questions 

अल नीनो (El Nino) – अल नीनो पूर्वी प्रशांत महासागर में पेरू के तट से उत्तर से दक्षिण की दिशा में प्रवाहित होने वाली गर्म समुद्री धरा है जो हम्बोल्ट धरा को प्रतिस्थापित करके 30 से 36 दक्षिण अंक्षाश के मध्य बहती है। अल नीनो के कारण सागर में स्थित मछलियों के आधरभूत आहार प्लैंकटन की कमी के कारण मछलियाँ मरने लगती है। ये धारा मानसून को भी प्रभावित करती है।

अवरोही पवन – ऐसी पवनें जो रात्रि में ठण्डी होकर पर्वतीय ढालों के नीचे घाटी की ओर प्रवाहित होती है अवरोही पवन कहलाती है। इसे पर्वतीय पवन भी कहते है।

आग्नेय शैल (Igneous rock) – आग्नेय शैलों का निर्माण तरल मैग्मा के शीतल तथा ठोस होने से होता है। ये शैल कठोर तथा अप्रवेश्य होते हैं तथा इनमें जीवाश्म का भी अभाव रहता है।

उल्का (Meteor) – वे खगोलीय पिण्ड जो पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करते ही जलने लगते है उल्का कहलाते

हैं। ये प्रायः वायुमण्डल में ही जलकर नष्ट हो जाते है, परन्तु कभी-कभी बड़ा आकार होने के कारण ये पृथ्वी पर आ गिरते है।

भुज – गुजरात में कच्छ जिले का मुख्यालय है। इस क्षेत्र में प्रायः- भूकंप आते रहते है।

भाखड़ा नांगल परियोजना – सतलुज नदी पर निर्मित एक बहुउद्देशीय परियोजना है। इसके जलाशय का नाम गोविन्दसागर है। इस परियोजना से हिमाचल प्रदेश पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान को बिजली प्राप्त होती है।

केप कैमोरिन – तमिलनाडू का दक्षिणी छोर जहाँ अरब सागर, हिन्द महासागर तथा बंगाल की खाड़ी का जल मिलता है।

वुलर झील – यह कश्मीर की घाटी में श्री नगर के पूर्वी भाग पर अवस्थित, झेलम नदी द्वारा निर्मित गोखुर झील है। इसके चारों ओर श्रीनगर का विस्तार हो गया है।

हिमपात – जब आकाश में वायु का तापमान त्वरित गति से गिरकर हिमांक अर्थात OoC से भी नीचे पहुँच जाता है तो वाष्प सीधे हिमकणों में बदल जाती है तथा इसके नीचे गिरने की प्रक्रिया ही हिमपात कहलाती है।

व्यापारिक पवन – एक स्थायी पवन जो उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय उच्च वायु दाब पेटी से भूमध्य रेखीय निम्न वायु दाब पेटी की ओर प्रवाहित होती है। इसकी दिशा उत्तरी गोलार्ध में उत्तर पूर्वी तथा दक्षिणी गोलार्ध में द.पू. रूप होती है।

पूर्ववर्ती नदी – ऐसी नदी जो वर्तमान उच्चावचीय स्वरूप के विकास के पूर्व भी विद्यमान थी और अभी भी अपने यथावत मार्ग पर ही प्रवाहित हो रही है। उदाहरण स्वरूप- सिन्धु, सतलुज, ब्रह्मपुत्रा, यमुना आदि।

दैनिक तापान्तर – किसी भी स्थान के किसी दिन के न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान के अंतर को दैनिक तापान्तर कहते है।

ओसांक – ओसांक से तात्पर्य उस बिन्दु से है जिस पर वायु संतृप्त होकर और अधिक जलवाष्प ग्रहण करने की क्षमता खो देती है तत्पश्चात आर्द्रता छोटी-छोटी बूदों में परिवर्तित हो जाती है।

चक्रवात (Cyclone) – चक्रवात अत्याधिक निम्न वायु दाब के केन्द्र होते है जिसमें हवाएँ केन्द्र की ओर गति करती है। इनकी दिशा उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की दिशा के विपरीत तथा दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की दिशा की ओर होती है।

आम्र वर्षा – सम्पूर्ण दक्षिणी पूर्वी एशिया तथा भारत में अप्रैल तथा मई माह में जो मानसून पूर्व वर्षा होती है, उसे आम्र वर्षा कहते है। यह आम के लिए लाभदायक होती है।

अंत-प्रवाह प्रदेश – अंत-प्रवाह प्रदेश से तात्पर्य उन क्षेत्रों से है जिन क्षेत्रों की नदियों का जल किसी खुले समुद्र आदि में न गिरकर विशाल जलाशयों में गिरता है। यूराल, नीपर, नीस्टर, डेन्यूब नदियाँ इसके प्रमुख उदाहरण है।

उष्मा द्वीप (Heat Island) – किसी नगर के उपरी भाग का तापमान जो अपने आसपास के अन्य क्षेत्रो से अधिक रहता है उष्मा द्वीप कहलाता है। सामान्य वितरण में यह एक विलग क्षेत्रों के रूप में परिलक्षित होता है।

क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) – मानव निर्मित यह एक ऐसी गैस है जिसका प्रयोग रेफ्रीजरेटर , एसी आदि में किया जाता है। जब इसका सान्द्रण समताप मंडल में बढ़ता है तब यह मुक्त क्लोरीन का उत्सर्जन करता है, जिसके कारण ओजोन परत को काफी नुकसान पहुँचता है।

ओजोन (O3) – समताप मंडल में ओजोन 20-50 किमी. के बीच एक परत बनाकर पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है।

मीथेन (CH4) – इस गैस का अधिकांश भाग जैविक स्त्रोतों से उत्पन्न होता है। चावल की खेती, कम्पोस्ट खाद के निर्माण से मीथेन गैस बनती है जो कि ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए उत्तरदायी प्रमुख गैस है।

गोखुर झील (Oxbow lack) – नदी की व्रद्धावस्था में जो कि नदी के विसर्प ग्रीवा के कट जाने से बनती है। ये झीले प्रायः- समतल भूमि तथा बाढ़ के मैदान की विशेषताएँ होती है।

ग्रीन हाउस गैस – वायुमंडल में गैसे का ऐसा समूह जो कि सूर्य की लौटती किरणों का अवशोषण अत्याधिक मात्रा में करके पृथ्वी को तेजी से गर्म करती है।

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