Saturday 1 February 2020

व्योम मित्र (ह्यूमनॉइड रोबोट)

व्योम मित्र (ह्यूमनॉइड रोबोट)
* भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मानव मिशन गगनयान (2022) की तैयारी में लगा हुआ है इसी क्रम में इसरो, गगनयान को भेजने से पहले अन्तरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजेगा
* मानव जैसे इस रोबोट को विज्ञान की भाषा में 'ह्यूमनॉइड रोबोट' कहा जाता है
* ऐसे ही एक रोबोट का वीडियो इसरो ने 22 जनवरी 2020 को जारी किया है इसका नाम 'व्योम मित्र' रखा गया है
* 'व्योम', आकाश का पर्यायवाची होता है वीडियो में इस 'व्योम मित्र' ने अपना खुद का परिचय दिया है
* ज्ञातव्य है कि गगनयान की उड़ान से पहले परीक्षण के तौर पर ह्यूमनॉइड को आकाश में भेजा जायेगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि अन्तरिक्ष में तापमान और ह्रदय सम्बन्धी परिवर्तन मानव शरीर को किस प्रकार प्रभावित करेंगे?
* इस बारे में इसरो हेड K.सिवन ने कहा- गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे
* गगनयान मिशन में इसरो द्वारा 3 अंतरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में भेजा जायेगा इस मिशन की अनुमानित लागत लगभग 10 हजार करोड़ रुपये होगी और इस मिशन की मिनिमम अवधि 7 दिनों की होगी
* मानव युक्त इस मिशन के कैप्सूल का वजन 3.7 टन होगा और यह प्रथ्वी की निचली कक्षा में अर्थात 400 किमी (250 मील) की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा इसे भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क-3 की मदद से भेजा जायेगा
* इस मिशन में जाने के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया जा चुका है और इनका प्रशिक्षण रूस में होगा
* इस मिशन में इसरो किसी महिला को नहीं भेज रहा है लेकिन इन अंतरिक्ष यात्रियों से पहले अन्तरिक्ष में महिला की शक्ल वाला ह्यूमनॉइड व्योममित्रा को भेजा जायेगा
* ह्यूमनॉइड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग की मदद से काम करने वाला रोबोट होता है
* इसमें इस तरह के प्रोग्राम डाले जाते हैं कि यह चलने-फिरने के साथ साथ मानवीय हाव-भाव को भी समझ सकता है और जवाब भी दे सकता है
* ह्यूमनॉइड के दो खास हिस्से होते हैं, एक्च्यूएटर्स और सेंसर्स
* एक्च्यूएटर, खास तरह की मोटर होती है, जो ह्यूमनॉइड को इंसान की तरह चलने-फिरने और हाथों-पैरों को हिलाने में मदद करती है
* सेंसर की मदद से ह्यूमनॉइड अपने आस-पास के वातावरण को समझते हैं
* इसमें लगे स्पीकर, कैमरे, और माइक्रोफोन की मदद से यह बोलने, देखने और सुनने का काम करता है, और यहाँ तक कि मानवीय हाव-भाव को भी समझ सकता है
* ज्ञातव्य है कि गगनयान मानव मिशन से पहले ह्यूमनॉइड व्योममित्रा को भेजने के पीछे मुख्य उद्येश्य यह है कि यदि कोई अप्रत्याशित घटना होती है तो मानव संसाधन के नुकसान को बचाया जा सके
* उम्मीद है कि ह्यूमनॉइड व्योममित्रा को भेजने के पीछे के सभी उद्येश्य पूरे होंगे और फिर भारत सफलतापूर्वक गगनयान मिशन को 2022 में अंजाम देगा, जो कि भारत के लिए अन्तरिक्ष के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता होगी

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