Saturday 1 February 2020

जन गण मन (राष्ट्रगान)

जन गण मन (राष्ट्रगान)
* जन-गण-मन भारत का राष्ट्रीय गान है
* इसकी रचना 1911 मे रविंद्र नाथ टैगोर ने 5 पदो मे किया था जिसके पहले पद को राष्ट्रगान माना गया
* जन-गण-मन मूलतः बंगाली भाषा में लिखी गयी है जिसमें संस्कृत शब्दों की अधिकता हैं इसे सिर्फ संज्ञा शब्दों के प्रयोग से लिखा गया हैं
* नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस गीत का अनुवाद हिन्दी तथा उर्दू में करवाया जिसे कैप्टन आबिद अली ने अनुवाद किया था
* पहली बार इसे 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन मेँ गाया गया था
* 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर इस गाने को राष्ट्रगान के तौर पर अपना लिया गया
* राष्ट्रगान जन-गण-मन के पूर्ण संस्करण को गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है जबकि इसके लघु अथवा संक्षिप्त रूप(प्रथम तथा अंतिम पंक्ति) को गाने में 20 सेकेण्ड का समय लगता हैं
* राष्ट्र-गान के बोल तथा धुन स्वयं रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आन्ध्रप्रदेश के मदनापल्ली में तैयार की थी आज भी उनके बनाये धुन को ही प्रयोग में लाया जाता हैं
* माना जाता है कि रविंद्र नाथ टैगोर ने इस गीत को अंग्रेज जार्ज पंचम की प्रशंसा मे लिखा लेकिन रविंद्र नाथ टैगोर ने 1939 में इस बात का खंडन किया था
* कहा जाता है कि जार्ज पंचम ने खुश होकर टैगोर को नोबेल देना चाहा (जॉर्ज पंचम उस समय वह नोबेल समीति का अध्यक्ष था) तो गांधी की डाट के कारण टैगोर ने इस गीत की बजाय गीतांजली पर मांगा और मिल भी गया था
* रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने बहनोई को एक खत लिखा था जिसमे उन्होने कहा था कि इस गीत को उन्होने दबाव मे लिखा है इसके अर्थ गलत है और इसे न गाया जाय साथ ही उन्होने कहा की इस खत को मेरे मरने के बाद सार्वजनिक की जाये
* संविधान सभा के 319 सांसदो मे से 318 सांसद व गांधी जी जन-गण-मन को राष्ट्रगान नही चाहते थे अकेले नेहरु ही इसे राष्ट्रगान बनाना चाहते थे
* गांधी के खिलाफ होने के कारण उनके मरने पर नेहरु ने जन-गण-मन को राष्ट्रगान बनाया था
* BBC के सर्वे के अनुसर विश्व के 99% भारतीय वंदे मातरम् को जन-गण-मन से ज्यादा पंसद करते है
* राष्ट्रपति व राज्यपाल के भाषण के पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है
* फिल्मो के बीच मे राष्ट्रगान बजे तो खड़ा होना आवश्यक नहीं है
* कानून के मुताबिक किसी को राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता
* राष्ट्रगान बजने के दौरान यदि व्यक्ति शांतिपूर्वक खड़ा है तो इसे राष्ट्रगान का अपमान नहीं माना जाता
* राष्ट्रगान का अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 1971 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जाती है
* राष्ट्रगान “जन गण मन”, को प्रतिदिन सावधान की मुद्रा में खड़े होकर विद्यार्थियों द्वारा गाया जाता है तथा देश के समस्त नागरिक इसे कुछ विशेष अवसरों पर गाते रहते हैं
* देश में साल भर में राष्ट्रगान 2 बार जरूर बजता है गणतंत्र दिवस पर और स्वतंत्रता दिवस पर

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