हार्टोग समिति, 1929 (Hartog Committee, 1929)
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देश में शिक्षा प्रसार के निजी एवं सरकारी प्रयासों से साक्षरता में तो वृद्धि हुई किंतु शिक्षा पद्धति के प्रति असंतोष ही बढ़ा। भारतीय सांविधिक आयोग (Indian Statutory Commission) ने सर फिलिप हर्टोग की अध्यक्षता में सन् 1929 में एक सहायक समिति नियुक्त की, जिसे शिक्षा के विकास पर रिपोर्ट देने के लिये कहा गया।
इस समिति ने निम्नलिखित सिफारिशें प्रस्तुत की:-
1 . प्राथमिक शिक्षा के राष्ट्रीय महत्व पर जोर दिया और सुधार एंव एकीकरण की निति अपनाई जाए।
2 . ग्रामीण संस्कृति के छात्रों को मिडिल स्कूल तक की ही शिक्षा दी जाये, इसके बाद उन्हें औधोगिक एवं व्यावसायिक शिक्षा दी जाये।
3 . विश्वविद्यालयो को सुधारने के प्रयास किये जायें तथा उच्च शिक्षा केवल उन्हीं को मिले जो उसके योग्य हों। तदोपरांत हर्टोग समिति की सिफारिश के आधार पर सन् 1935 में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनगर्ठन किया गया।
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