बिहार के हर नागरिक पर लगभग 13 हजार रुपए कर्ज, पिछले साल यह 11644 रुपए था
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2020-21 के दौरान सरकार पर 163903.88 करोड़ रुपए कर्ज रहने का अनुमान, जो पिछले साल से19243.81 करोड़ बढ़ा
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति कर्ज 224432 रुपए हैं, यह भी पिछले साल की तुलना में बढ़ा है
● उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने 25 फरवरी को बजट पेश करते हुए बिहार सरकार द्वारा लिए गए कर्ज की स्थिति बताई। उन्होंने बताया कि 2020-21 के दौरान सरकार पर 163903.88 करोड़ रुपए कर्ज रहने का अनुमान है।
●बिहार के हर व्यक्ति पर 12931 रुपए कर्ज है। पिछले साल बिहार पर प्रति व्यक्ति कर्ज11644 रुपए था। पड़ोसी राज्य यूपी में प्रति व्यक्ति कर्ज 22442 रुपए है।
जीडीपी का 23.9 फीसदी है कर्ज
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●बिहार का जीडीपी 685797 करोड़ रुपए है।
● राज्य सरकार पर 163903.88 रुपए कर्ज रहने का अनुमान है। यह राज्य के जीडीपी का 23.9 फीसदी है।
● 2019-20 के अंत में रिवाइज्ड कर्ज 144660.07 करोड़ रुपए रहने का अमुमान है। यह जीडीपी का 23.44 फीसदी है।
● 2020-21 में राज्य सरकार का कर्ज 19243.81 करोड़ रुपए बढ़ जाएगा।
●सरकार को अतिरिक्त कर्ज राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए लेना पड़ेगा।
●बजट में राजकोषीय घाटा 20374 करोड़ रहने का अनुमान है यह जीडीपी का 2.97 फीसदी है।
●2005-06 में राज्य सरकार पर कुल बकाया ऋण जीडीपी का 56.36 प्रतिशत था। 2018-19 में कुल बकाया ऋण 168921.33 करोड़ रुपए है जो राज्य के जीडीपी का 32.76 प्रतिशत है।
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