मलाला यूसुफजई के बारे में
• मलाला उस समय मात्र 16 वर्ष की थीं जब तालिबान के एक बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी.
• वे उनके समाज पर लगाए गये प्रतिबंध के खिलाफ थीं तथा लड़कियों को स्कूल जाने देने की वकालत कर रहीं थीं.
• उनका लन्दन में इलाज कराया गया. इस घटना द्वारा उन्हें आत्मबल प्राप्त हुआ और वे मानवाधिकरों और लड़कियों के स्कूल जाने के लिए और भी बल से आवाज़ उठाने लगीं.
• वर्ष 2014 में यूसुफजई सबसे कम उम्र की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बनी थीं.
• उन्हें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रिदेउ ने 12 अप्रैल 2017 को कनाडा की संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रण भेजा. वे ऐसा अवसर प्राप्त करने वाली सबसे युवा व्यक्ति थीं.
• वे एक युवा कार्यकर्ता और लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाने वाली प्रमुख वक्ता भी हैं. उन्होंने जुलाई 2016 में बुरुंडी और सोमालिया की शरणार्थी बालिकाओं की दुर्दशा को उजागर करने के लिए रवांडा और केन्या के शरणार्थी शिवरों का दौरा भी किया था.
✍✍✍✍संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में "डिकेड इन रिव्यू' (Decade in Review) रिपोर्ट जारी की जिसमें पाकिस्तान की नोबेल विजेता मलाला यूसुफजई को "विश्व की सबसे प्रसिद्ध किशोरी' घोषित किया गया. मलाला युसुफज़ई विश्व भर में लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाने के लिए जानी जाती हैं.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी इस रिपोर्ट में 2010 के मध्य से लेकर 2013 के अंत तक के विभिन्न कार्यक्रमों को शामिल किया गया तथा उसी के आधार पर मलाला का चयन किया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में मलाला युसुफज़ई को भारतीय समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया कि मलाला पर हुए इस हमले की पूरी दुनिया में निंदा की गई. उसी वर्ष मानवाधिकार दिवस के दिन पेरिस स्थित युनेस्को के हेडक्वार्टर में इस घटना के खिलाफ विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही लड़कियों के स्कूल जाने के अधिकार को सुनिश्चित करने और लड़कियों की शिक्षा को प्रथमिकता देने पर जोर दिया गया.
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