कोनेरू हंपी (शतरंज खिलाड़ी)
* हम्पी कोनेरु एक भारतीय, शतरंज की ग्रैंडमास्टर खिलाडी है
* कोनेरू हंपी का जन्म 31 मार्च 1987 को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुआ था
* वे भारत की सबसे कम उम्र की महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी हैं
* इनके पिता का नाम अशोक माता का नाम कोनेरू लता हैं
* हम्पी शब्द का अर्थ होता है विजयी इसी लिए कोनेरू के पिताजी का नाम हम्पी रखा था
* इनके पिता अशोक कोनेरू आंध्र प्रदेश राज्य शतरंज में प्रतिनिधित्व कर चुके थे वे अपना सपना हम्पी से पूर्ण करवाना चाहते थे
* मात्र छः वर्ष की आयु से ही हम्पी ने खेल में रूचि लेना शुरू कर दिया
* प्रशिक्षक के तौर पर उनके पिता ही हम्पी को शतरंज के दावपेंच सिखाते थे
* मात्र 9 वर्ष की आयु में ही हम्पी ने शतरंज में 3 राष्ट्रीय स्तर के गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए थे यही प्रतिभावान महिला खिलाड़ी आगे जाकर देश की पहली पुरुष ग्रेडस्लेम विजेता बनी
* इनका जनवरी 2010 में FIDE स्कोर 2614 था, जिससे वे संसार की दुसरे स्थान की (जुड़ीट पोल्गर के बाद) महिला शतरंज खिलाडी बन गई
* उन्हें साल 2003 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया
* उन्हें साल 2007 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया
* साल 2015 में, उन्होंने महिला विश्व टीम शतरंज चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता
* कोनेरू हंपी साल 2009-2011, 2011-12, 2013-14 और 2015-16 में फिडे महिला ग्रैंड प्रिक्स श्रृंखला में उपविजेता रही
* 2007 में इन्होने सुशान पोल्गर द्वारा स्थापित 2577 के स्तर को पार किया और विश्व में दुसरे स्थान की सबसे बड़ी खिलाडी होने का गौरव प्राप्त किया
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