Sunday, 7 October 2018

5_राज्यो_मे_आदर्श_आचार_संहिता_लागू_तो_जानिये_आदर्श_चुनाव_आचार_संहिता_किसे_कहते_हैं?

#5_राज्यो_मे_आदर्श_आचार_संहिता_लागू_तो_जानिये_आदर्श_चुनाव_आचार_संहिता_किसे_कहते_हैं?

भारत का चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय है. यह देश में संसद, राज्य विधान मंडल, भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए चुनाव से सम्बंधित सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार है.

#आचार_संहिता_का_क्या_अर्थ_होता_है?

भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनाव से सम्बंधित दिशा निर्देश बनाये जाते हैं. इन नियमों को चुनाव आदर्श आचार संहिता कहा जाता है. आदर्श आचार संहिता में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों और अधिकारियों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश होते हैं कि उनको चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कौन से कार्य करने हैं और कौन से नहीं.

चुनाव आचार संहिता (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

#राज्यों_में_चुनाव_की_तारीखों_के_एलान_के_साथ_ही_वहां_चुनाव_आचार_संहिता_भी_लागू_हो_जाती_हैं। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करेंते हैं।

इसलिए आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही #मध्यप्रदेश, #छत्तीसगढ़, #राजस्थान,  और #मिजोरम में सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग गए हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन गए हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकेंगे, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।

#सभी_राजनीतिक_दलों_और_उम्मीदवारों_के_लिए_सामान्य_आचार_इस_प्रकार_हैं;

1.  कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार जाति और धर्म के आधार पर वोट नही मांग सकता है. इसी कारण मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों और अन्य पूजा स्थलों का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नही किया जायेगा.


2. कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे कि विभिन्न जातियों, धर्मों के लोगों के बीच घृणा और तनाव का माहौल पैदा हो.

3. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अपने विपक्षी दलों की नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना करने का अधिकार होगा लेकिन इसमें किसी उम्मीदवार के निजी जीवन या परिवार के ऊपर कोई भी टिप्पणी करने की छूट नही होगी.

4. मतदाताओं को धमकाना, घूस देना, मतदान केन्द्रों से 100 मीटर की परिधि में चुनाव प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर सार्वजानिक सभा का आयोजन करने और मतदाताओं को वोट डालने के लिए ले जाने और लाने के लिए वाहन की व्यवस्था इत्यादि काम करना प्रतिबंधित है.

5. कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार; किसी के मकान, भूमि, दीवार इत्यादि का प्रयोग बैनर लगाने, लाउड स्पीकर लगाने का काम संपत्ति के मालिक की मंजूरी के बिना नही करेगा.

6. किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को विपक्षी दल के जुलूस में बाधा डालने, उनकी सभा में अपना पर्चा बांटने और सभा को बंद करने जैसे काम करने की अनुमति नहीं होगी.

7. राजनीतिक दल या उम्मीदवार को किसी भी जगह पर सभा का आयोजन करने से पहले उस क्षेत्र की पुलिस या सम्बंधित अधिकारी से अनुमति लेनी होगी ताकि यातायात और अन्य जरूरी इंतजाम किये जा सकें.

8. यदि कोई दल या उम्मीदवार जुलूस का आयोजन करने वाला है तो इसका मार्ग क्या होगा, जुलूस किस समय शुरू होगा और किस जगह कितनी देर आयोजन होगा, इसकी पूरी जानकारी शासन को देनी होगी, और इसमें किसी तरह का परिवर्तन नही होगा.

9. राजनीतिक दल या उम्मीदवार सुनिश्चित करेंगे कि मतदान के दिन मतदाताओं को दी गयी पर्ची सादे कागज पर होगी और उसमे किसी दल या उम्मीदवार का नाम और पार्टी का निशान अंकित नही होगा.

10. मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले से मतदाताओं को शराब इत्यादि नही बांटी जानी चाहिए.

11. सत्ताधारी दल के मंत्री चुनावी दौरों के दौरान सरकारी तंत्र जैसे सरकारी कर्मचारियों, वाहनों, सरकारी भवनों का प्रयोग चुनाव के लिए नहीं करेंगे.

12. सार्वजानिक स्थलों, हेली-पैडों एवं हवाई जहाजों के ऊपर सत्ताधारी दल का एकाधिकार नहीं होगा, अन्य दलों के उम्मीदवार भी इनका प्रयोग उन्हीं शर्तों के साथ कर सकेंगे जैसा कि सत्ताधारी दल कर रहा है.

13. सरकारी खर्च पर कोई भी विज्ञापन समाचार पत्रों एवं जन संचार माध्यमों से जारी नही किया जायेगा और चुनाव के दौरान सरकारी जन माध्यमों का प्रयोग सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए नही किया जायेगा.

14. मंत्री एवं अन्य अधिकारीगण, चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद विवेकाधीन निधि से किसी प्रकार का भुगतान या अनुदान नहीं दे सकते हैं.

15. जब चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तारीख की घोषणा हो जाये मंत्री और अधिकारी निम्न कार्य नही कर सकते हैं;

a. किसी भी प्रकार के वित्तीय अनुदान या किसी नयी योजना की घोषणा नही कर सकते हैं.

b. किसी भी प्रकार के वित्तीय अनुदान अथवा वादे की घोषणा नही कर सकते हैं.

c. बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी कोई घोषणा नही कर सकते हैं.

d. सरकार या किसी विभाग में कोई तदर्थ (Ad hoc) नियुक्ति नहीं कर सकते हैं

#सत्ताधारी_दल_के_लिए_नियम :

कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।
सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।
सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।
मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।
कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।
स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

#ये_काम_नहीं_करेंगे_मुख्यमंत्री_मंत्री :

शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)
विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति
परियोजना या योजना की आधारशिला
सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन

#अधिकारियों_के_लिए_नियम :

शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।

#लाउडस्पीकर_के_प्रयोग_पर_प्रतिबंध :

चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी

ऊपर दिए गए बिन्दुओं को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि चुनाव आयोग देश में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए कितने आवश्यक उपायों को अपनाता है. हालाँकि व्यवहार में यह देखा  गया है कि चुनाव आयोग द्वारा बनाये गए नियम पूरी तरह से अमल में नहीं लाये जाते हैं जिससे कई बार इसकी स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा चुका है.

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