'भारत ने लगाए सबसे ज्यादा व्यापार प्रतिबंध'
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●विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले साल से ऐसे कदम सबसे ज्यादा
उठाए हैं, जिन्हें व्यापक तौर पर 'व्यापार प्रतिबंधित' करने वाला माना जाता है। इस दौरान अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी जंग चली, जिससे अरबों डॉलर का कारोबार प्रभावित हुआ है। .......................
●विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले साल से ऐसे कदम सबसे ज्यादा
● 5 जुलाई को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक जी-20 देशों की अर्थव्यवस्थाओं में बदलाव के आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य अक्टूबर 2017 से मध्य मई 2018 के बीच देशों ने कारोबार की राह में 37 से ज्यादा बाधाएं लगाई हैं, जिनमें शुल्क में बढ़ोतरी, कड़े सीमा शुल्क प्रावधान, कर और निर्यात शुल्क लगाया जाना शामिल है।
●बहरहाल इस देशों में भारत पहले स्थान पर है, जिसने 16 मौकों पर प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं इस तरह के कदम चीन और अमेरिका ने 2-2 बार उठाए हैं।
●हालांकि भारत ने ही कारोबार को सहूलियत देने के लिए सबसे ज्यादा 28 बार कदम उठाए हैं, जबकि चीन ने ऐसा 2 बार किया है।
● डब्ल्यूटीओ ने सावधानी बरतते हुए कहा है 'डब्ल्यूटीओ सचिवालय का इसके बारे में कोई फैसला नहीं है कि ये कदम संरक्षणात्मक प्रवृत्ति के हैं या नहीं', इन्हें व्यापक दौर पर अमीर देशों और डब्ल्यूटीओ द्वारा संरक्षणात्मक कदम माना जाता है।
●डब्ल्यूटीओ में भारत के राजदूत रहे जयंत दासगुप्ता ने कहा, 'डब्ल्यूटीओ ने यह रिपोर्ट 2008 में देना शुरू किया और कहा कि एंटी डंपिंग शुल्क और काउंटरवेलिंग शुल्क कारोबार को बाधा पहुंचाने वाली गतिविधियां हैं।
●उसके बाद भारत इस तरह कदमों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला देश बन गया है, जिसे कारोबार बचाने वाले कदम के रूप में उचित तरीके से वर्गीकृत किए जाने की जरूरत है।
● इस तरह के कदम किसी देश के कानूनी अधिकार हैं और अगर उत्पादों की अवैध डंपिंग रोकना हो या व्यापक पैमाने पर कारोबार को बाधित करने वाली सब्सिडी घटानी है तो ऐसे कदम उठाने होते हैं।'
●डब्ल्यूटीओ द्वारा गिनाए गए भारत की ओर से उठाए कदमों में 13 आयात शुल्क में बढ़ोतरी से संबंधित हैं, जो कई तरह के उत्पादों पर बढ़ाए गए हैं।
● पिछले बजट में भारत ने आयात पर 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर लगाने की घोषणा की थी। इसके अलावा काली मिर्च का न्यूनतम आयात मूल्य तय किए जाने का भी उल्लेख किया गया है। बहरहाल आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि कुछ क्षेत्रों में कारोबार सीमित किया गया है, जिसकी वजह स्वाभाविक है। इसमें मार्च से कपड़ों में इस्तेमाल किए जाने वाले सील के चमड़े पर लगाया गया प्रतिबंध शामिल है।
●वहीं कनाडा जैसे बड़े देश ध्रुवों पर पाए जाने वाले सील का शिकार कारोबार के लिए जारी रखे हैं, जिसे वैश्विक संरक्षण एजेंसियों ने विलुप्त होते जीवों में शामिल किया है।
●बहरहाल जो देश सूची में सबसे ऊपर हैं, संभव है कि उन्होंने बड़ी संख्या में सामान या बड़ी मात्रा में कारोबार पर सीमाएं लगाई हों। डब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट उन सामानों की संख्या के आधार पर तैयार किया गया है, जिसके बारे में जी-20 देशों ने जिनेवा स्थित बहुपक्षीय संगठन के सचिवालय को सूचित किया है कि वह प्रतिबंधात्मक कदम उठाने जा रहा है।
●वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'खासकर चीन और अमेरिका ने भले ही कम संख्या मेंं प्रतिबंधात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन उन्होंने डब्ल्यूटीओ को दी गई सूचना में बड़ी संख्या में उत्पादों के एक समूह के बारे में एक ही बार में सूचित किया है।'
●जी-20 विश्व के सबसे ज्यादा ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं का अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें अमेरिका, भारत, चीन, सऊदी अरब, जापान, ब्राजील और यूरोपीय संघ शामिल हैं। यह समूह 2008 में अमीर देशों के समूह जी-8 से आगे निकल गया था।
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