Wednesday 20 June 2018

दैनिक_समसामयिकी #_TOP__CURRENT__AFFAIRS 20 June 2018(Wednesday)

#दैनिक_समसामयिकी #_TOP__CURRENT__AFFAIRS

20 June 2018(Wednesday)

1.भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा
• भाजपा द्वारा आज पीडीपी से समर्थन वापस ले लिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में तीन साल पुरानी महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई। सरकार से भाजपा के समर्थन वापसी के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद राज्य में एक बार फिर राज्यपाल शासन लागू होना तय है।
• श्रीनगर में राज भवन के एक प्रवक्ता के मुताबिक, राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय शासन लागू करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट की एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी गई है। राष्ट्रपति कोबिंद अभी आधिकारिक विदेश यात्रा पर हैं।
• भाजपा महासचिव राम माधव ने ऐलान किया कि पार्टी गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले रही है। इस ऐलान से पहले पार्टी आलाकमान ने जम्मू - कश्मीर सरकार में अपने मंत्रियों को आपातकालीन विचार-विमर्श के लिए नई दिल्ली बुलाया था। इस ऐलान के बाद श्रीनगर और नई दिल्ली में बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच महबूबा मुफ्ती ने कुछ ही घंटे बाद राज्यपाल एनएन वोहरा को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
• वोहरा ने महबूबा को बताया कि पीडीपी के साथ गठबंधन से भाजपा अलग हो गई है जिससे उनके कार्यकाल का अचानक अंत हो गया है। महबूबा ने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद चार अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री पद संभाला था।

2. भारत का नेपाल को कृषि क्षेत्र में सहयोग का आश्वासन
• कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को नेपाल को कृषि क्षेत्र की वृद्धि के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
• एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। नेपाल सरकार में कृषि, भूमि प्रबंधन एवं सहकारिता मंत्री चक्रपाणि खनल से यहां मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री ने यह आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि दोनों ही देश मुख्यतौर पर कृषि प्रधानता वाले देश हैं तथा दोनों ही पक्षों द्वारा द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में कृषि क्षेत्र की पहचान की गई है।
• भारत-नेपाल ‘‘कृषि क्षेत्र में नई साझेदारी’ पर यहां हुई उद्घाटन बैठक में दोनों मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग को मजबूती देने के तौर तरीकों पर विचार विमर्श किया।
• यह सहयोग कृषि अनुसंधान और शिक्षा, उर्वरकों की आपूत्तर्ि, निरीक्षण मान्यता, परीक्षण और प्रमाणीकरण पण्राली, व्यापार सुविधा उपायों, पशुधन सेवाओं को मजबूत करने, पशु चिकित्सा अनुसंधान और विकास सुविधाओं तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और नेपाल कृषि अनुसंधान परिषद (एनएआरसी) के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों के लिए होगा।
• सिंह ने कहा कि नेपाल में भारत द्वारा अमल में लाई जाने वाली जैविक खेती और मृदा स्वास्य की प्रायोगिक परियोजना को भी अंतिम रूप दिया गया है। खनल 19 से 23 जून तक भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। वह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा और राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र, गाजियाबाद का दौरा करेंगे।
• सिंह ‘‘कृषि क्षेत्र में नई साझेदारी’ की अगली बैठक के लिए नेपाल का दौरा करेंगे। भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के किसानों के लाभ के मकसद से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सात अप्रैल, 2018 को ’कृषि क्षेत्र में नई साझेदारी’ की शुरुआत की थी।

3. चीनी सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगाएगा अमेरिका
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि यदि चीन अपने अनुचित व्यवहार में बदलाव नहीं लाएगा तो अमेरिका इस योजना पर आगे बढेगा। वहीं चीन ने अमेरिका की इस योजना को ‘‘ब्लैकमेल’ करार देते हुए कहा है कि वह भी इसके जवाब में कदम उठाने को तैयार है।
• इससे पहले पिछले सप्ताह अमेरिका ने चीन के 50 अरब डॉलर के सामान पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। चीन ने इसके जवाब में अमेरिका के 50 अरब डॉलर के 659 उत्पादों पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मतभेद लंबे समय से चल रहा है। अब ट्रंप ने कहा है कि वह चीन द्वारा शुल्क बढाए जाने के कदम के खिलाफ नए शुल्क लगाने जा रहे हैं।
• अमेरिकी राष्ट्रपति ने कल बयान में कहा कि चीन के अनुचित व्यवहार को रोकने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटाइजर से चीन से आयातित उन उत्पादों की दूसरी खेप की पहचान करने को कहा है जिन पर दस प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
• ट्रंप ने कहा कि यदि चीन अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता है तो कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन की ताजा कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह अमेरिका को स्थायी रूप से अनुचित नुकसान में रखना चाहता है। इस बात का पता वस्तुओं के 376 अरब डॉलर के व्यापार असंतुलन से चलता है।
• उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमें आगे और कार्रवाई करनी होगी। इससे चीन पर अपने अपने अनुचित व्यवहार में बदलाव लाने, अमेरिका के उत्पादों के लिए अपने बाजारों को खोलने और हमारे साथ संतुलित व्यापार संबंध कायम करने का दबाव पड़ेगा।
• लाइटाइजर ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस अनुचित व्यापार व्यवहार को समाप्त करने के बजाय चीन अनुचित शुल्क लगाने की मंशा रखता है। इससे पहले अमेरिका ने चीन के 50 अरब डॉलर के सामान या उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 50 अरब डॉलर के सामान पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी।
• वहीं बीजिंग से मिली खबरों के अनुसार चीन ने अमेरिका द्वारा उसके 200 अरब डॉलर के उत्पादों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना को ब्लैकमेल करार दिया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका द्वारा जो ब्लैकमेल और दबाव डालने का कदम उठाया जा रहा है वह दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ताओं के बाद बनी सहमति के रुख से उलट है।

4. मोदी-मैक्रों की आत्मीयता के चलते भारत और फ्रांस संबंध नए आयाम पर: सुषमा
• विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों के बीच की आत्मीयता की वजह से दोनों देशों के संबंध नए आयाम पर पहुंच गए हैं। दोनों देश अब रिश्तों के नए मोड़ पर खड़े हैं, जहां से आगे का दृश्य बेहद सुहाना दिखाई दे रहा है।
• रोम की यात्रा समाप्त करने के बाद स्वराज सोमवार को पेरिस पहुंची थीं। 24 घंटे के प्रवास के दौरान उनकी मैक्रों के साथ उनके सलाहकार व फ्रांस के विदेश मंत्री जीन युवेसले ड्राइन से भी मुलाकात हुई। फ्रांस में रह रहे भारतीय लोगों के समूह से स्वराज ने कहा कि मोदी-मैक्रों के बीच के विशेष संबंधों के चलते ही दोनों देशों के बीच कई अहम करार हुए हैं।
• यह आयोजन पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में किया गया था। स्वराज ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों के बीच पिछले कई सालों से आठ-नौ अरब यूरो का कारोबार हो रहा है। इसे बढ़ाकर 15 अरब यूरो करने पर दोनों के बीच सहमति बनी।
• स्वराज ने भारतीय मूल के लोगों से कहा कि वह देश की संस्कृति व सभ्यता के दूत हैं, इसलिए हमेशा अच्छा बर्ताव करें और कानून की पालना करें। उनके व्यवहार से ही भारत की छवि बनेगी।
• इस मौके पर उन्होंने किताब का विमोचन किया। इसमें फ्रांस के उद्योगपतियों के लिए भारत में निवेश से जुड़ी जानकारी है। स्वराज ने इस दौरान उन भारतीयों को प्रमाण पत्र वितरित किए जिन्होंने स्वच्छता कोष में अंशदान किया था।

5. रूस-भारत सैन्य अभ्यास साल के उत्तरार्ध में
• भारत और रूस के बीच त्रि-सेना संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘‘इंदिरा-2018’ इस वर्ष के उत्तरार्ध में एक भारतीय सैन्य शिविर में आयोजित किया जाएगा। समाचार एजेंसी इंटरफैक्स के अनुसार, एक रूसी सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने इस अभ्यास के सैन्य-संचालन पर र्चचा के लिए भारत का दौरा किया है।
• बयान के अनुसार, इस अभ्यास में रूसी इस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट की संयुक्त सैन्य इकाई शामिल होगी।भारतीय रक्षा सेवा के सदस्य भी इस अभ्यास योजना में शामिल होंगे, जिसमें इकाई के व्यवहारिक परिचालन के अलावा रूसी सेना को ग्राहक सेवा और मेडिकल सपोर्ट देना भी शामिल है।
• इसके अलावा, दोनों पक्षों ने भारत में सैन्य परिवहन विमान के रिसिविंग और सर्विसिंग की प्रक्रिया के लिए सहमति जताई है।

6. देश में 20 फीसद बढ़ी अति अमीरों की संख्या
• भारत में बीते साल अति अमीरों की संख्या में 20 फीसद की वृद्धि हुई। इस दौरान इनकी संपत्ति में भी जबर्दस्त उछाल आया। अति अमीरों की तादाद बढ़ने के मामले में भारत सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था बन गया है। फ्रांसीसी टेक फर्म केपजेमिनी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई।
• रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में भारत में अति अमीरों की संख्या 20.4 फीसद बढ़कर 2.63 लाख पर पहुंच गई। वहीं इस दौरान उनकी कुल संपत्ति 21 फीसद बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर (डॉलर की वर्तमान दर से 68 लाख करोड़ रुपये से अधिक) पर पहुंच गई। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के एक तिहाई के बराबर है।
• 2017 में अमीरों की संख्या बढ़ने के मामले में भारत की दर सबसे तेज रही। बीते साल ग्लोबल स्तर पर अमीरों की संख्या में औसतन 11.2 फीसद की और उनकी कुल संपत्ति में 12 फीसद की वृद्धि हुई है। अति अमीर की श्रेणी में उन लोगों को रखा जाता है जिनकी कुल निवेशयोग्य संपत्ति 10 लाख डॉलर (डॉलर की वर्तमान दर से करीब 6.8 करोड़ रुपये) से ज्यादा होती है।
• रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, जापान, जर्मनी और चीन इस मामले में सबसे आगे हैं। 2017 में आए उछाल के बाद भारत इस मामले में 11वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत में अति अमीरों की संख्या में बढ़ोतरी में बीते साल बाजार पूंजीकरण में आए 50 फीसद से ज्यादा के उछाल की अहम भूमिका रही।
• इसके अलावा समीक्षाधीन वर्ष में रियल्टी सेक्टर में कीमतों में 4.8 फीसद और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.7 फीसद की दर से वृद्धि हुई। इस मामले में भी भारत वैश्विक औसत से आगे रहा।
• रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई, 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से संपत्ति पर थोड़ा असर पड़ा, लेकिन यह अस्थायी था। इसके अलावा स्थिर मौद्रिक नीति, नोटबंदी का असर खत्म होने और बचत की ओर रुख करने से लोगों को संपत्ति बढ़ाने में मदद मिली।
• गौरतलब है कि जनवरी में अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह ऑक्सफेम ने देश में संपत्ति के बंटवारे पर रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 120 करोड़ की आबादी में से ऊपर के एक फीसद लोगों का कब्जा 2017 में सृजित कुल संपत्ति के 73 फीसद हिस्से पर था।
• वहीं दूसरी ओर, 67 करोड़ लोगों यानी देश की आधी आबादी के पास केवल एक फीसद संपत्ति थी। ऐसी स्थिति में अति अमीरों की बढ़ती संख्या और गरीबों की स्थिति जस की तस बनी रहने को लेकर सरकारों की नीतियां अक्सर सवालों के घेरे में रहती हैं।

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