Tuesday, 19 July 2022

नए संसद भवन पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण

 


संदर्भ:

हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिह्न / राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) का अनावरण किया।

नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक के निर्माण की अवधारणा का रेखाचित्र और प्रक्रिया, मिट्टी प्रारूप/ कंप्यूटर ग्राफिक से लेकर कांस्य ढलाई और पॉलिश करने तक की तैयारी सहित आठ विभिन्न चरणों से गुजरी है। 

राष्ट्रीय प्रतीक के बारे में:

  • भारत का राजचिह्न (National Emblem of India), सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति हैजो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। इसे 26 जनवरी1950 को भारत के ‘राष्ट्रीय चिन्ह’ के रूप में अपनाया गया था। इसमें देवनागरी लिपि में “सत्यमेव जयते” लिखा है।
  • इसे समकालीन भारत द्वारा विश्व शांति और सद्भावना के प्रति अपनी प्राचीन प्रतिबद्धता की पुन:अभिपुष्टि के प्रतीक के रूप में चुना गया था।

इतिहास:

भारत का राजकीय प्रतीक सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ के सिंह-शिखर (Lion Capital) की अनुकृति है।

  • मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैंजो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। 
  • इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथीचौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ाएक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैंइसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। 
  • एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर धर्मचक्र‘ रखा हुआ है। 

महत्व:

बौद्ध व्याख्याओं के अनुसार, अशोक स्तंभ में उत्कीर्ण जानवरों के चित्र बुद्ध के जीवन के विभिन्न चरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जबकि, गैर-धार्मिक व्याख्याओं के अनुसार- कि मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह, चार भौगोलिक दिशाओं में सम्राट अशोक के शासनकाल को दर्शाते हैंजबकि ‘पहिया’ या चक्र अशोक के प्रबुद्ध शासन को दर्शाता है।

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