Friday 4 March 2022

बारबाडोस बना गणतंत्र देश, खत्म हुआ ब्रिटेन का राज

 कैरेबियाई द्वीप बारबाडोस अब एक गणतंत्र देश बन गया है. बारबाडोस को 29 नवंबर 2021 को आधी रात को गणतंत्र घोषित किया गया. इसी के साथ यहां महारानी एलिजाबेथ-II का शासन खत्म हो गया. इस मौके पर विशेष समारोह आयोजित हुआ जिसमें ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स सहित कई नेता शामिल हुए.

गवर्नर जनरल सैंड्रा मेसन देश की राष्ट्रपति बनाई गई हैं. उनकी नियुक्ति क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा की गई है. मेसन ने बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति के रूप में शपथ लीमेसन अटॉनी और जज भी रही हैं. उन्‍होंने वेनेजुएला, कोलंबिया, चिली और ब्राजील के राजदूत के तौर पर काम भी किया है.

55वां गणतंत्र देश

इस तरह बारबाडोस ब्रिटेन से अलग होकर 55वां गणतंत्र देश बन गया है. एक समारोह के दौरान क्वीन का प्रतिनिधित्व करने वाले रायल स्टैंडर्ड ध्वज को उतारा गया. इस समारोह में प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) भी मौजूद थे. बारबाडोस ने इसी के साथ ही लगभग 400 पुराने अपने औपनिवेशिक संबंध को समाप्त कर दिया और देश में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई.

अंग्रेज़ी जहाज़ 400 साल पहले पहुंचा था

इस कैरिबियाई द्वीप पर पहला अंग्रेज़ी जहाज़ 400 साल पहले पहुंचा था. बारबाडोस ने महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय को राष्ट्र प्रमुख के तौर पर त्याग दिया है लेकिन वो अभी भी 15 अन्य देशों की महारानी हैं. इनमें ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जमैका जैसे देश शामिल हैं.

बारबाडोस एक गणतंत्र देश

बारबाडोस हालांकि कॉमनवेल्थ में एक गणतंत्र देश के तौर पर रहेगा. कॉमनवेल्थ 54 देशों का संगठन है जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश हुआ करते थे. आख़िरी बार साल 1992 में मॉरिशस ने महारानी एलिज़ाबेथ को राष्ट्र प्रमुख के रूप में त्याग दिया था और ख़ुद को गणतंत्र घोषित किया था.

बारबाडोस: एक नजर में

बारबाडोस की आबादी तीन लाख से ऊपर है और यह कैरिबियाई देशों में सबसे अमीर देश माना जाता है. यहां की अर्थव्यवस्था ज्यादातर पर्यटन पर निर्भर करती है. सैकड़ों सालों की आजादी के बाद बारबाडोस 1966 में आजाद हो गया था लेकिन यहां क्वीन एलीजाबेथ का शासन चलता था.

1970 के बाद किसी कैरिबियाई देश में ऐसा देखने को मिला है. इससे पहले गुयाना, डोमनिका, त्रिनिदाद और टोबैगा गणतंत्र देश बने थे. बारबाडोस ने साल 2005 में त्रिनिदाद स्थित कैरिबियाई कोर्ट आफ जस्टिस में इस बात की अपील की थी और लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल को हटा दिया था.


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