Thursday 3 March 2022

AFSPA कानून क्या है, असम में फिर छह महीने के लिए बढ़ा अफस्पा

 असम सरकार ने 01 मार्च 2022 को विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSFA) को राज्य में एक बार फिर से छह महीने के आगे बढ़ा दिया है. अफस्पा का विस्तार 28 फरवरी 2022 से प्रभावी होगा. यह जानकारी एक आधिकारिक अधिसूचना ने दी.

आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पिछले छह महीनों में असम में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, राज्य सरकार ने पूरे असम राज्य को 28 फरवरी 2022 से छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है.

असम के मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि चालू वर्ष में विवादास्पद अधिनियम के बारे में कुछ तर्कसंगतता की उम्मीद है.

अफस्पा असम में कब लागू किया गया था?

अफस्पा नवंबर 1990 में असम में लागू किया गया था और इसे हर छह महीने में बढ़ाया गया है. असम सरकार ने पिछले साल 28 अगस्त से राज्य के अशांत क्षेत्र की स्थिति को छह महीने हेतु बढ़ा दिया था.

अफ्सपा कानून क्या है?

अफ्सपा के अंतर्गत सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व नोटिस के किसी भी क्षेत्र में छापा मारने, अभियान चलाने तथा किसी भी व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने या गिरफ्तार करने का अधिकार है. इसके अतिरिक्त, किसी अभियान में चूक होने की सूरत में भी अफ्सपा के अंतर्गत बलों को निर्धारित छूट का लाभ मिलता है.

यह कानून किसी भी राज्य या किसी भी क्षेत्र में तभी लागू किया जाता है, जब राज्य या केंद्र सरकार उस क्षेत्र को 'अशांत क्षेत्र' (Disturbed Area Act) घोषित कर देती है. सेना या सशस्त्र बल इस कानून के लागू होने के बाद ही वहां भेजे जाते हैं. सेना या सशस्त्र बल कानून के लगते ही किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार आ जाता है.

इस कानून के तहत सशस्त्र बल बिना किसी वारंट के किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं तथा इसके लिए जरूरी बल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इस कानून के अंतर्गत गोली चलाने के लिए किसी के भी आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है.

इस कानून के तहत गोलीबारी में यदि किसी की हत्या हो जाती है तो सैनिक पर हत्या का मुकदमा भी नहीं चलेगा. अफस्पा कानून के अंतर्गत सेना पांच या इससे ज्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोक सकती है.

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