Friday 28 January 2022

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का इतिहास और सीबीआई निदेशक की सूची (वर्ष 1963 से अब तक)

 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इतिहास और सीबीआई निदेशक लिस्ट: (List of CBI Directors in Hindi)

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) सामान्य ज्ञान:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) या ‘सीबीआई’ भारत सरकार की प्रमुख जाँच एजेन्सी है। यह आपराधिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए भिन्न-भिन्न प्रकार के मामलों की जाँच करने के लिये लगायी जाती है। सीबीआई कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधीन कार्य करती है। यद्यपि इसका संगठन फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन से मिलता-जुलता है किन्तु इसके अधिकार एवं कार्य-क्षेत्र एफ़बीआई की तुलना में बहुत सीमित हैं। इसके अधिकार एवं कार्य दिल्ली विशेष पुलिस संस्थान अधिनियम, 1946 से परिभाषित हैं। भारत के लिये सीबीआई ही इन्टरपोल की आधिकारिक इकाई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वर्तमान निदेशक “ऋषि कुमार शुक्ला” है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के संस्थापक एवं प्रथम निदेशक डी. पी. कोहली थे, जिन्होंने 01 अप्रैल, 1963 से 31 मई, 1968 तक कार्यभार संभाला था।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का संक्षिप्त विवरण

स्थापनावर्ष 1963
स्थापना कर्ताडी. पी. कोहली (भारत सरकार)
मुख्यालयनई दिल्ली
वर्तमान सीबीआई निदेशक (2021)ऋषि कुमार शुक्ला
वर्तमान सीबीआई अतिरिक्त निदेशक (2021)प्रवीण सिन्हा
सिद्धांतउद्योग, निष्पक्षता और अखंडता
क्षेत्राधिकारभारत
दूरभाष न० (Contact No)011 2436 0213

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का इतिहास:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, जिसकी स्थापना वर्ष 1941 में भारत सरकार द्वारा विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) के तहत की गई थी। उस समय एसपीई का मुख्य कार्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत के युद्ध तथा आपूर्ति विभाग में लेन-देन में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच-पड़ताल करना था। एसपीई युद्ध विभाग के देख-रेख में था। यहां तक कि युद्ध के समाप्त होने तक की केन्द्रीय सरकार द्वारा कर्मचारियों से संबंधित रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने के लिए एक केन्द्रीय सरकार की जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की गई थी। इसलिए, 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम को लागू किया गया। यह अधिनियम एसपीई के अधीक्षण को गृह विभाग को हस्तांतरित करता है और इसके कार्यों के परिधि को बढ़ाकर भारत सरकार के सभी विभागों को करता है। वर्ष 1947 में भारत की स्वतन्त्रता के बाद इसे भी सामान्य पुलिस व्यवस्था में ही मिला दिया गया जिसके बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया। वर्ष 1963 में इसकी पुन: स्थापना की गई थी। सीबीआई का कार्यक्षेत्र सभी संघ शासित राज्यों तक है और जब राज्य सरकार की सहमति होती है तो इसका कार्यक्षेत्र राज्य में भी लागू किया जा सकता है।

वर्ष 1963 से अबतक बने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों की सूची:

नामपद ग्रहणपद विमुक्ति
डी. पी. कोहली01 अप्रैल, 196331 मई, 1968
एफ. वी. अरूल31 मई 196806 मई 1971
डी. सेन6 मई 197129 मार्च 1977
एस. एन. माथुर29 मार्च 197702 मई 1977
सी. वी. नरसिम्हन02 मई 197725 नवम्बर 1977
जॉन लोब25 नवम्बर 197730 जून 1979
आर. डी. सिंह30 जून 197924 जनवरी 1980
जे. एस. बावा24 जनवरी 198028 फ़रवरी 1985
एम. जी. कातरे28 फ़रवरी 198531 अक्टूबर 1989
ए. पी. मुखर्जी31 अक्टूबर 198911 जनवरी 1990
आर. शेखर11 जनवरी 199014 दिसम्बर 1990
विजय करन14 दिसम्बर 199001 जून 1992
एस. के. दत्ता01 जून 199231 जुलाई 1993
के. विजय रामा राव31 जुलाई 199331 जुलाई 1996
जोगिंदर सिंह31 जुलाई 199630 जून 1997
आर. सी. शर्मा30 जून 199731 जनवरी 1998
डी. आर. कार्तिकेयन31 जनवरी 199831 मार्च 1998
डॉ. टी. एन. मिश्रा31 मार्च 199804 जनवरी 1999
डॉ. आर. के. राघवन04 जनवरी 199930 अप्रैल 2001
पी. सी. शर्मा30 अप्रैल 200106 दिसम्बर 2003
यू. एस. मिश्रा06 दिसम्बर 200306 दिसम्बर 2005
विजय शंकर12 दिसम्बर 200531 जुलाई 2008
अश्विनी कुमार02 अगस्त 200830 नवम्बर 2010
ए. पी. सिंह30 नवम्बर, 201030 नवम्बर, 2012
अनिल कुमार सिन्हा01 दिसम्बर, 201219 जनवरी 2017
आलोक कुमार वर्मा19 जनवरी 201723 अक्टूबर 2018
एम. नागेश्वर राव (अंतरिम निदेशक)23 अक्टूबर 20181 फरवरी 2019
ऋषि कुमार शुक्ला23 अक्टूबर 20182 फरवरी 2019 से अबतक

सीबीआई (CBI) के कार्य:-

  • CBI भारत सरकार की मुख्य जाँच एजेंसी है। यह एक वैधानिक निकाय नहीं है; यह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से अपनी शक्तियों को प्राप्त करता है।
    इसकी महत्वपूर्ण भूमिका भ्रष्टाचार को रोकने और प्रशासन में अखंडता बनाए रखने के लिए है। यह भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 से संबंधित मामलों में CVC (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की देखरेख में काम करता है।
  • विभिन्न राज्य पुलिस बलों और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की गतिविधियों का समन्वय करने के लिए।
  • राज्य सरकार के इशारे पर, CBI सार्वजनिक महत्व के किसी भी मामले को उठा सकती है और उसकी जांच कर सकती है।
  • अपराध के आंकड़ों को बनाए रखना और आपराधिक जानकारी का प्रसार करना।
  • सीबीआई इंटरपोल के साथ पत्राचार के लिए भारत का प्रतिनिधि है।

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