Friday 12 February 2021

स्कूल बंद होने से छात्रों की बुनियादी क्षमताओं पर प्रभाव

संदर्भ:

हाल ही में, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा, छात्रों पर, कोविड-19 के कारण लागू होने वाले लॉकडाउन से पड़ने वाले प्रभाव का करने हेतु एक क्षेत्र-अध्ययन (field study) किया गया है।

इस अध्ययन का शीर्षक था: ‘महामारी के दौरान सीखने का नुकसान’ (Loss of Learning during the Pandemic)।

प्रमुख निष्कर्ष:

  1. बच्चों को, स्कूलों के खुले होने पर, उनमे होने वाली पढाई संबंधी नियमित गतिविधियों से वंचित होना पड़ा।
  2. बच्चे, पिछले सालों में जो कुछ भी सीखे थे, उसे भी भूल रहे हैं।
  3. कक्षा II से कक्षा VI के औसतन 92% छात्र, पिछले वर्षों में अर्जित की गयी, भाषाओं से संबंधित कम से कम एक विशिष्ट बुनियादी निपुणता खो चुके हैं। गणित के संबंध में तदनुरूप आंकड़ा 82% है।

‘बुनियादी क्षमताएं’ क्या होती हैं?

‘बुनियादी क्षमताएं’ (foundational abilities) वे होती हैं, जो आगे सीखने / अध्ययन का आधार बनती हैं। किसी परिच्छेद को समझते हुए पढना, जोड़ और घटाव आदि, ‘बुनियादी क्षमताओं’ के कुछ उदाहरण है।

गणित के संबंध में, ‘बुनियादी क्षमताओं’ के तहत, इकाई और दहाई अंकों की पहचान करना; अंकगणितीय संक्रियाओं को करना; सवालों को हल करने हेतु बुनियादी अंकगणितीय संक्रियाओं का उपयोग करना; और आंकड़ो को पढना और उनसे निष्कर्ष निकालना,आदि शामिल होते हैं।

आगे की चुनौतियां:

स्कूलों के दुबारा खुलने पर, इस नुकसान की भरपाई करने हेतु शिक्षकों के लिए अतिरिक्त समय तथा अन्य सहायता प्रदान की जानी चाहिए। सभी राज्यों में, सावधानीपूर्वक तैयार किये गए समकालिक उपायों को लागू किये जाने की आवश्यकता होगी।

सुझाव:

छुट्टियों को खत्म करना; स्कूल कब खुले? इस पर ध्यान दिए बगैर, वर्ष 2021 में शैक्षणिक वर्ष को अच्छी तरह से विस्तारित करना; पाठ्यक्रम फिर से तैयार करना।

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