Monday 4 January 2021

आकशीय बिजली से भारतीयों की अधिक संख्या में मौत का कारण

 

आकशीय बिजली से भारतीयों की अधिक संख्या में मौत का कारण


संदर्भ:

भारत में 1 अप्रैल, 2019 और 31 मार्च, 2020 के बीच आकशीय बिजली गिरने से 1,771 मौतें हुई हैं।

इस प्रकार की मौतों को किस प्रकार कम किया जा सकता है?

आकशीय बिजली गिरने की घटनाएं एक निश्चित अवधि के दौरान और लगभग समान भौगोलिक स्थानों पर समान पैटर्न में होती है।

  • क्लाइमेट रेज़िलिएंट ओब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council-CROPC) के अनुसार, किसानों, पशु चराने वालों, बच्चों और खुले क्षेत्रों में लोगों की जान बचाने के लिए बिजली गिरने की पूर्व-जानकारी दिया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
  • बिजली गिरने से होने वाली मौतों को कम करने के लिए, तड़ित सुरक्षा यंत्रों (Lightning Protection Devices) को लगाने जैसे स्थानीय तड़ित सुरक्षा कार्य योजनाओं की आवश्यकता है।

बिजली गिरने का प्रभाव

केंद्र ने वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 4 लाख रुपये तक की वृद्धि की थी।

  • पिछले पांच वर्षों में आकशीय बिजली गिरने से 13,994 मौतें हुईं, जिसके लिए कुल मुआवजा राशि लगभग 359 करोड़ रुपये होगी।
  • बिजली गिरने से पशु जीवन को भी अत्याधिक नुकसान हुआ है।

आकाशीय बिजली (तड़ित) क्या होती है?

  • आकाशीय बिजली अथवा तड़ित, वातावरण में बिजली का एक तीव्र तथा व्यापक निस्सरण होती है। इसका कुछ भाग पृथ्वी की ओर निर्देशित होता है।
  • सामन्यतः यह तड़ित निस्सरण, 10-12 किमी. ऊँचे आद्रता-युक्त बादलों में उत्पन्न होता है, तथा यह बादल के ऊपरी हिस्से और निचले हिस्से के बीच विद्युत आवेश के अंतर का परिणाम है।

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