#चिंदू_यक्षगानम्
तेलंगाना (Telangana) में प्रचलित चिंदू यक्षगानम् (Chindu Yakshaganam) एक प्राचीन लोकनाट्य है।
🌺मुख्य बिंदु:
👉यह प्राचीन कला दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में विकसित हुई। यह कर्नाटक के यक्षगान से मिलती- जुलती है।
👉यह लोकनाट्य कला नृत्य, संगीत, संवाद, पोशाक, मेकअप और मंच तकनीकों को आपस में एक साथ संकलित करती है।
👉तेलुगू भाषा में 'चिंदू' शब्द का अर्थ 'कूदना' है। यक्षगान को प्रस्तुत करने वाला प्रस्तुति के दौरान बीच-बीच में छलांग लगाता एवं कूदता है, इसी वजह से इसे चिंदू यक्षगानम् कहा जाता है।
•माना जाता है कि ‘चिंदू’ शब्द यक्षगान कलाकारों की जाति चिंदू मडिगा (Chindu Madiga) से आया है, जो मडिगा (Madiga) अनुसूचित जाति की एक उप-जाति है।
👉चिंदू यक्षगानम् को ‘चिंदू भागवतम्’ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें वर्णित अधिकांश कहानियाँ ’भागवतम्’ (Bhagavatam) से संबंधित हैं।
•भागवतम् का संबंध भागवत पुराण से है जो भगवान विष्णु के उपासकों के इतिहास पर आधारित है।
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