Saturday 1 February 2020

मतदाता के अधिकार

मतदाता के अधिकार
* किसी भी लोकतांत्रिक देश में सबसे महत्वपूर्ण अधिकार मत देने का अधिकार होता है
* भारतीय संविधान के अनुसार देश में 18 वर्ष की आयु के ऊपर के किसी भी जाति, समुदाय और धर्म के नागरिक को चुनाव में अपने मत के उपयोग का अधिकार है
* भारत में मतदान देश के नागरिकों का मौलिक अधिकार है
 * भारतीय संविधान के अनुसार, मतदान समिति के अंतर्गत पंजीकृत 18 वर्ष की आयु से अधिक का देश का कोई भी नागरिक मतदान के योग्य होता है
*  प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय, राज्यकीय, जिला एवं अपने क्षेत्र के स्थानीय चुनाव में मतदान कर सकता है
* जब तक कोई व्यक्ति अयोग्यता के नियमों की सीमा पार नहीं कर लेता उसे मतदान करने से नहीं रोका जा सकता है
* प्रत्येक नागरिक को एक ही मत डालने का अधिकार है और मतदाता अपने पंजीकृत क्षेत्र में ही मतदान कर सकता है
 * भारतीय संविधान के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पूरे नियमों पर खरा नहीं उतरता तो उसका मतदान प्रक्रिया से बहिष्कृत करने का भी प्रावधान है
* यदि कोई व्यक्ति आईपीसी की धारा 17 1E (रिश्वत संबंधी) के अंतर्गत या 17 1F (चुनाव पर अनुचित प्रभाव) का दोषी पाया जाता है तो उसे मतदान का अधिकार नहीं मिलता
* एक से अधिक क्षेत्र में मतदान करने वाला व्यक्ति भी मतदान प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है
* सभी मतदाताओं को चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों की जानकारी का पूरा अधिकार है
* भारतीय संविधान में धारा 19 के अंतर्गत नागरिकों को ये अधिकार दिया गया है इस अधिकार के द्वारा कोई भी व्यक्ति प्रत्याशियों के चुनाव घोषणा पत्र की जानकारी, उनका वित्तीय लेखा-जोखा और आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जान सकता है
 * मतदाताओं को अपना मत न देने का भी पूरा अधिकार दिया गया है और इस बात का रिकॉर्ड भी रखा जाता है नोटा के माध्यम से मतदाता चुनाव में उतरे प्रत्याशियों में किसी को भी नहीं चुनने के अधिकार का प्रयोग करता है
* नोटा प्रक्रिया में मतदाता मतदान करने जाता है लेकिन मतदान न करने वाले विकल्प को चुनता है
* चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते उनको डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा होती है वो चुनाव अधिकारी की मदद से विशेष मतदान कर चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं
 * अप्रवासी भारतीय भी चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें स्वयं को चुनाव आयोग में पंजीकृत कराना होगा
* जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 62(5) के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति जो न्यायिक हिरासत में है या फिर किसी अपराध के लिए सजा काट रहा है, वह वोट नहीं दे सकता है सामान्य जनता के अलावा वोट सिर्फ वही दे सकते हैं, जो पुलिस हिरासत में हैं

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