Tuesday, 18 February 2020

एक रुपये का नोट

एक रुपये का नोट
* भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी की गई अधिसूचना के अनुसार देश में एक रुपये का नया नोट जल्द ही जारी किया जायेगा
* सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय द्वारा इस नोट की छपाई का काम शुरु किया जाने वाला है
* सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होंगे
* इसमें बहुत से वॉटरमार्क्स इस्तेमाल किये जायेंगे
* भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य भारतीय मुद्रा नोटों की तरह इस नोट को जारी नहीं करता है, लेकिन भारत सरकार एक रुपये के करेंसी नोट छापती है
* एक रुपये के नोट को भारत सरकार जारी करती है जबकि बाकी के करंसी नोट रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये जाते हैं
* इस नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होंगे जबकि बाकी करेंसी नोटों पर रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं
* पहली बार एक रुपए का नोट 30 नवंबर 1917 को लॉन्च किया गया था जो इंग्लैंड से छपकर आया था इस पर किंग जॉर्ज पंचम की फोटो थी इसपर तीन ब्रिटिश वित्त सचिव एमएमएस गूबे, एसी वाटर्स और ए. डेनिंग के सिग्नेचर थे
* इसका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन माना जाता है कि एक रुपए का नोट वर्ल्ड वॉर-1 की वजह से छापा गया
* पहला वर्ल्ड वॉर 1914 से 1918 तक चला 1917 में जब ये चरम पर था, तब हथियार बनाने के लिए कोलोनियल अथॉरिटी को चांदी समेत कई धातुओं की ज़रूरत थी उस समय भारत में एक रुपए के सिक्के में 10.7 ग्राम चांदी होती थी, तो सिक्के के बजाय नोट छापे जाने शुरू हो गए नोट में सिक्के के मुकाबले कम लागत आ रही थी
* 1917 में एक रुपए के सिक्के में 10.7 ग्राम चांदी होती थी. अभी चांदी की कीमत करीब 40 हजार रुपए प्रति किलो है यानी 10 ग्राम चांदी की कीमत 400 रुपए. मोटे तौर पर ये समझ लीजिए कि 100 साल पहले आप एक रुपए में जितना सामान खरीद सकते थे, आज उतने के लिए ही आपको 400 रुपए देने होते हैं
* भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, इस नोट की छपाई पहली बार 1926 में बंद की गई थी
* 1926 में कहा गया था कि इसकी छपाई का खर्च इस नोट की कीमत से ज्यादा होता है
* 1940 में छपाई दोबारा शुरु की गई जो 1994 तक जारी रही
* 1 जनवरी 2015 में इसकी दोबारा छपाई आरंभ हुई थी
* एक रुपए के नोटों की छपाई भले दो बार बंद हुई हो, लेकिन मार्केट में ये हमेशा लीगल रहे
* लोग इस नोट का इस्तेमाल अधिकतर खास मौकों पर करते हैं
* 1994 तक एक रुपए के नोट इंडिगो कलर में छापे जाते थे, लेकिन 2015 में जब नोट दोबारा छपने शुरू हुए, तो इसमें गुलाबी और हरा रंग जोड़ा गया
* बाकी नोटों पर ‘मैं धारक को इतने रुपए अदा करने का वचन देता हूं’ लाइन लिखी होती है, लेकिन एक रुपए की नोट पर नहीं लिखी होती है. इसीलिए इस नोट को लाइबिलिटी माना जाता है
* एक रिपोर्ट के मुताबिक 1917 से 2017 के बीच एक रुपए के नोट 125 अलग-अलग तरीकों से छापे गए ये बदलाव नंबर्स और सिग्नेचर्स से जुड़ा होता था कुछ स्पेशल सीरीज़ नोट भी थे, जैसे 1969 में गांधीजी के 100वें जन्मदिन पर उनकी फोटो के साथ खास सीरीज़ छापी गई थी
* 100 सालों में इस नोट में 28 बार बदलाव किया जा चुका है और इस पर 21 बार सिग्नेचर बदल चुके हैं
* आजादी के बाद 1949 में भारत सरकार ने एक रुपए की नोट से किंग जॉर्ज पंचम की फोटो हटाकर अशोक लाट की तस्वीर लगानी शुरू कर दी थी. हालांकि, सरकार पहले गांधीजी की फोटो लगाना चाहती थी, लेकिन बाद में ऐसा नहीं हो पाया
* भारत सरकार को एक रुपए का नोट छापने का अधिकार Coinage Act के तहत है. इस एक्ट में समय-समय पर बदलाव होता रहता है. हालांकि, एक रुपए के नोट के डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी RBI की ही होती है. वैसे भी, नोटों से जुड़ा कोई भी अप्रूवल सरकार और RBI साथ मिलकर ही लेते हैं और इसी से जुड़े नियम Coinage Act में लिखे गए हैं
* ऑनलाइन म्यूज़ियम mintageworld.com के CEO सुशील अग्रवाल बताते हैं कि त्योहारों और शादियों के मौके पर एक रुपए के नोट की गड्डी 15 हज़ार रुपए तक में बिकती है
* 2015 से छपने शुरू हुए नोटों में ऊपर ‘भारत सरकार’ और नीचे ‘Government of India’ लिखा होता है. माना गया कि सिक्कों की कमी के चलते सरकार ने ये फैसला लिया था
* 2015 से पहले हो रही छपाई के आखिरी साल में एक रुपए के 4 करोड़ 40 लाख नोट छापे गए थे. छपाई बंद होने के बाद RBI ने सरकार से इन्हें सिक्कों से बदल देने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. ये चलन में बने रहे
* जून 2002 में आई RBI की सालाना रिपोर्ट में एक रुपए की नोट को लेकर आखिरी बार जो आंकड़े दिए गए थे, उनके मुताबिक मार्च 2002 तक मार्केट में एक रुपए के 308 करोड़ नोट चलन में थे

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