Thursday 27 February 2020

बिहार बजट 2020: जनता की खुशहाली और धरती की हरियाली पर फोकस, जानें बिहार बजट की मुख्य बातें

बिहार बजट 2020: जनता की खुशहाली और धरती की हरियाली पर फोकस, जानें बिहार बजट की मुख्य बातें
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वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिहार के वित्तमंत्री सुशील मोदी राज्य का बजट बिहार विधानसभा में पेश किया, जिसमें कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विशेष जोर दिया गया है। वित्तमंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत हर बार चुनौतियों को हराते हैं हम, जख्म कितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम...इस शेर के पंक्तियों के साथ शुरू की। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में 11 हजार करोड़ ज्यादा है बजट। 2004-05 की अपेक्षा इस वर्ष के बजट आठ गुना ज्यादा। 2004-05 में राज्य का बजट 23 हज़ार 885 करोड़ था। इस बार का बजट 2.11 लाख करोड़ से अधिक का है।  

खुशहाली व हरियाली का ख्‍याल
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●देश-दुनिया में वित्तीय उतार-चढ़ाव के बावजूद राज्य सरकार ने अपने बजट में आम आदमी की खुशहाली और प्रदेश में हरियाली का भरपूर ख्याल रखा है। 
●वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश दो लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपये के बजट में आने वाली पीढिय़ों की चिंता दिखती है। पढ़ाई, कमाई और दवाई के रोडमैप की झलक है, तो खेती-बारी और आधारभूत संरचना निर्माण के जरिए गांवों, किसानों और महिलाओं के मकसद को मंजिल तक पहुंचाने की संकल्प शक्ति भी। 

मोदी बोले: निरंतर आगे बढ़ रहा बिहार
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वित्तीय प्रबंधन के और बेहतर होने की उम्मीद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से अधिकतर के पूरे होने के सुकून के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आश्वस्त किया कि तमाम तरह की चुनौतियों के बावजूद बिहार निरंतर आगे बढ़ रहा है। पिछली बार की तुलना में इस बार के बजट में 11 हजार 260 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर है, जिसके बजट में 20 फीसद इजाफा करते हुए 35191.05 करोड़ का कर दिया गया है। इसके बाद सड़क पर 17345.00 करोड़ तथा ग्रामीण विकास पर 15955.29 करोड़ खर्च होंगे। समाज सुधार के प्रयासों के तहत कल्याण विभाग का बजट भी बढ़ाकर 11911.38 करोड़ कर दिया गया है। सेहत को भी प्राथमिकता सूची में रखा गया है। इसका बजट 10937.68 करोड़ का होगा। 

आम आदमी पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं 

बिहार ने पिछले वर्ष 15 फीसद से ज्यादा विकास दर हासिल की है, जो पिछले तीन वर्षों से लगातार राष्ट्रीय औसत विकास दर से ज्यादा है। प्रति व्यक्ति आय में नौ फीसद का इजाफा हुआ है। आय और व्यय के बाद सरकार के पास 19172.80 करोड़ रुपये अधिशेष होंगे। 

अतीत से वर्तमान की तुलना 
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●अतीत और वर्तमान की तुलना करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि 1990-91 से 2005-06 के बीच बिहार का कुल व्यय दो लाख 15 हजार 41 करोड़ रुपये था, जिसमें झारखंड भी शामिल था। किंतु 2006-07 से 2019-20 के बीच कुल व्यय 12 लाख 24 हजार 94 करोड़ रुपये हुआ।
● पहले गैर योजना व्यय 78 फीसद से ज्यादा था, जो अब मात्र 50 फीसद रह गया है। 15 साल पहले राज्य का बड़ा हिस्सा अंधकार में डूबा रहता था, किंतु अब सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी गई है। 2005 में बिजली के मात्र 24 लाख उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर एक करोड़ संख्या 58 लाख पहुंच गई है। किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जाती रहेगी। 

इसी सत्र में बाल, महिला और ग्रीन बजट पेश होगा 
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डिप्टी सीएम ने कहा कि बाल, महिला और ग्र्रीन बजट को इसी सत्र में अलग से पेश किया जाएगा। 
●किंतु जल-जीवन-हरियाली योजना पर छह हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे, इसके तहत तालाब-पोखर, आहर-पईन एवं जल संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
● गांवों और किसानों को खुशहाल करने की कोशिश जारी है। गांवों में सुविधाओं का संजाल बिछाने का दावा करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि इसी साल बिहार पहला राज्य हो जाएगा जहां के सभी घरों में पाइप से जल एवं नाली-गली का पक्कीकरण कर दिया जाएगा।  31 मार्च तक इस पर 37 हजार 70 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 

मिलेगी सौगात 

●किसानों को

कृषि को 3152.81 करोड़ एवं पशुपालन को 1178.92 करोड़ दिए 12 जिलों में जैविक खेती के लिए 155.88 करोड़ का प्रावधान 
गांव को

चार हजार से अधिक टोलों को जोडऩे पर 2888 करोड़ होगा खर्च

●धरती को

नौ अगस्त 2020 को एक दिन में दो करोड़ 51 लाख लगेंगे पौधे 

●मेहमानों को

राजगीर में इसी साल  472 एकड़ में 176 करोड़ से बनेगी जू-सफारी

●नई पीढ़ी को 

साढ़े पांच हजार स्कूलों में कक्षा 9-10 के लिए स्मार्ट क्लासरूम बनेंगे अप्रैल 2020 से सभी 8,386 पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू होगी 

●कुल प्राप्तियां : 161039.09 

●कुल व्यय : 160085.69

●सरप्लस बजट : 953.40 करोड़ 

आंकड़े एक नजर में 
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●स्कीम व्यय : 105766.35 करोड़  
●स्थापना व्यय : 105995.14 करोड़ 
● राजस्व प्राप्तियां : 183923.99 करोड़ 
● केंद्र से प्राप्त : 143934.70 करोड़  
●राज्य के अपने राजस्व : 39989.28 करोड़ 
साल दर साल ऐसे बढ़ रहा बजट

वित्तीय वर्ष : बजट
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●2010-11 : 51 हजार करोड़
● 2011-12 : 60 हजार करोड़  
●2012-13 : 70 हजार करोड़ 
●2013-14 : 92 हजार करोड़  
●2014-15 : 1.16 लाख करोड़ 
● 2015-16 : 1.20 लाख करोड़
●  2016-17 : 1.44 लाख करोड़ 
●2017-18 : 1.60 लाख करोड़ 
● 2018-19 : 1.76 लाख करोड़
● 2019-20 : 2 लाख 501 करोड़ 
● 2020-21 : 2.11 लाख करोड़ 
सामाजिक क्षेत्र पर खर्च 

●शिक्षा : 35191.05 करोड़  
●सड़क : 17345.00 करोड़  
●ग्रामीण विकास : 15955.29 करोड़  
●कल्याण : 11911.38 करोड़  
●स्वास्थ्य : 10937.68 करोड़ 
●पंचायती राज : 10615.21 करोड़

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