Wednesday, 12 February 2020

उत्तर_प्रदेश_सरकार_द्वारा_भूजल_संरक्षण_विधेयक #2020_को_मंजूरी

#उत्तर_प्रदेश_सरकार_द्वारा_भूजल_संरक्षण_विधेयक #2020_को_मंजूरी

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 12 फरवरी 2020 को भूजल अधिनियम-2020 (GWA-2020) को मंजूरी प्रदान की. कैबिनेट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक बैठक में इस अधिनियम को मंजूरी दी. इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में भूजल के गिरते स्तर को सुधारना है.

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने भूजल स्तर को दूषित करने वालों के खिलाफ जुर्माने और सजा के प्रावधानों को भी मंजूरी दी है.

🌺उत्तर प्रदेश भूजल संरक्षण विधेयक-2020

• उत्तर प्रदेश भूजल अधिनियम-2020 के प्रावधानों के अनुसार, सबमर्सिबल पंप स्थापित करना अनिवार्य है.
• सरकार ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगी. उपयोगकर्ताओं (घरेलू उपयोगकर्ताओं और किसानों) को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.
• सभी सरकारी और निजी कॉलेजों तथा स्कूलों को वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करना होगा.
• GWA-2020 के अनुसार, यदि कोई 300 वर्गमीटर से बड़े घर का निर्माण करने के लिए एक सबमर्सिबल पंप स्थापित करता है, तो मालिक को वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करनी होगी.
• उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य स्तर पर एक ग्राम पंचायत समिति का गठन किया है.
• इसके अलावा, अगर प्राधिकरण ने किसी व्यक्ति को बोरिंग पाइप के माध्यम से भूजल को प्रदूषित करते हुए पकड़ा तो व्यक्ति को जुर्माना देना होगा या सजा भुगतनी होगी.

🌺सजा और जुर्माना

• उत्तर प्रदेश भूजल संरक्षण विधेयक-2020 के प्रावधानों के अनुसार पहली बार अपराधी को छह महीने से एक साल तक की सजा और दो लाख से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
• यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाता है, तो उसे 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दो साल से पांच साल की सजा भुगतनी होगी.
• तीसरी बार पकड़े गये अपराधी को 5 साल से लेकर 7 साल तक की सजा के साथ 10 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा.

🌺यूपी में भूजल स्तर की स्थिति

दुनिया में हर जगह भूजल स्तर घट रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में भूजल के गिरते स्तर को बचाने के लिए एक कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्टों में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 47 ब्लॉकों में भूजल स्तर अत्यधिक कम है, जबकि 151 ब्लॉकों में तेजी से कम हो रहा है. यूपी सरकार का मानना है कि नए कानून से राज्य में भूजल स्तर में सुधार करने में मदद मिलेगी.

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