चौधरी चरण सिंह (प्रधानमंत्री)
* चौधरी चरण सिंह भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी तथा पांचवें प्रधानमंत्री थे
* चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर,1902 को गाजियाबाद जिले के नूरपुर गांव में एक जाट परिवार में हुआ था
* उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के समय राजनीति में प्रवेश किया
* उनके पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्य विरासत में चरण सिंह को सौंपा था
* आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेकर सन् 1928 में चौधरी चरण सिंह ने गाजियाबाद में वकालत शुरू की
* 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के 'पूर्ण स्वराज्य' उद्घोष से प्रभावित होकर युवा चरण सिंह ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया
* 1930 में महात्मा गांधी के चलाए सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल होकर उन्होंने नमक कानून तोड़ने को डांडी मार्च किया
* आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिंडन नदी पर नमक बनाया इस कारण चरण सिंह को 6 माह कैद की सजा हुई
* 9 अगस्त, 1942 को अगस्त क्रांति के माहौल में युवा चरण सिंह ने भूमिगत होकर गुप्त क्रांतिकारी संगठन तैयार किया
* जुलाई, 1952 को उत्तर प्रदेश में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला
* किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया
* 1951 में वह उत्तर प्रदेश में न्याय तथा सूचना विभाग के मंत्री बने और 1952 में राजस्व तथा कृषि विभाग के मंत्री बने
* 1960 में इन्हें गृह तथा कृषि मंत्रालय दिया गया और इनकी छवि किसानों की बनी
* 3 अप्रैल 1967 को पहली बार वह उत्तर प्रदेश के प्रधानमंत्री बने और 17 अप्रैल 1968 को इस्तीफा दे दिया
* 1967 में पूरे देश में दंगे होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में कहीं पत्ता भी नहीं खड़का
* 17 अप्रैल 1970 को वह दोबारा मुख्यमंत्री बने उन्होंने अपने सिद्धांतों व मर्यादित आचरण से कभी समझौता नहीं किया
* 1977 में वह केंद्रीय गृह मंत्री बने उन्होंने मंडल व अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की
* 1979 में वित्तमंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में चोधरी साहब ने राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की
* 28 जुलाई, 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से भारत के पांचवें प्रधानमंत्री बने
* चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक रहा
* चौधरी चरण सिंह एक कुशल लेखक भी थे उनका अंग्रेजी भाषा पर अच्छा अधिकार था
* उन्होंने 'अबॉलिशन ऑफ जमींदारी', 'लिजेंड प्रोपराइटरशिप' और 'इंडियाज पोवर्टी एंड इट्स सोल्यूशंस' नामक पुस्तकों का लेखन भी किया था
* वह जीवन प्रयत्न गांधी टोपी धारण किए रहे
* 2001 में वाजपेई सरकार ने उनके जन्म दिवस 23 दिसंबर को किसान दिवस घोषित किया
* 29 मई 1987 को 84 वर्ष की उम्र में का निधन हुआ
* देश के इतिहास में उनका नाम प्रधानमंत्री से ज्यादा एक किसान नेता के रूप में जाना जाता है
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