Wednesday 22 January 2020

रामवृक्ष बेनीपुरी (साहित्यकार)

रामवृक्ष बेनीपुरी (साहित्यकार)
* रामवृक्ष बेनीपुरी भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार और नाटककार थे
* ये एक महान् विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी, साहित्यकार, पत्रकार और संपादक के रूप में भी अविस्मणीय हैं
* बेनीपुरी जी हिन्दी साहित्य के 'शुक्लोत्तर युग' के प्रसिद्ध साहित्यकार थे
* ये एक सच्चे देश भक्त और क्रांतिकारी भी थे
* इन्होंने 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' में आठ वर्ष जेल में बिताये
* हिन्दी साहित्य के पत्रकार होने के साथ ही इन्होंने कई समाचार पत्रों, जैसे- 'युवक' (1929) आदि भी निकाले
* ये कई राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता संग्राम संबंधी कार्यों में भी संलग्न रहे
* रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म 23 दिसम्बर, 1899 ई. में बेनीपुर नामक गाँव, मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला, बिहार में हुआ था
* इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव की पाठशाला में ही पाई थी बाद में वे आगे की शिक्षा के लिए मुज़फ़्फ़रपुर के कॉलेज में भर्ती हो गए
* इसी समय राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने 'रौलट एक्ट' के विरोध में 'असहयोग आन्दोलन' प्रारम्भ किय
* बेनीपुरी जी ने भी कॉलेज त्याग दिया और निरंतर स्वतंत्रता संग्राम में जुड़े रहे
* इन्होंने अनेक बार जेल की सज़ा भी भोगी ये अपने जीवन के लगभग आठ वर्ष जेल में रहे
* समाजवादी आन्दोलन से रामवृक्ष बेनीपुरी का निकट का सम्बन्ध था
* 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के समय जयप्रकाश नारायण के हज़ारीबाग़ जेल से भागने में भी रामवृक्ष बेनीपुरी ने उनका साथ दिया और उनके निकट सहयोगी रहे
* रामवृक्ष बेनीपुरी की आत्मा में राष्ट्रीय भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी, जिसके कारण आजीवन वह चैन की साँस न ले सके
* उनकी अधिकतर रचनाएँ जेल प्रवास के दौरान लिखी गईं
> उपन्यास - पतितों के देश में, आम्रपाली
> कहानी संग्रह - माटी की मूरतें
> निबंध - चिता के फूल, लाल तारा, कैदी की पत्नी, गेहूँ और गुलाब, जंजीरें और दीवारें
> नाटक - सीता का मन, संघमित्रा, अमर ज्योति, तथागत, शकुंतला, रामराज्य, नेत्रदान, गाँवों के देवता, नया समाज, विजेता, बैजू मामा
> संपादन - विद्यापति की पदावली
* उपन्यास, जीवनियाँ, कहानी संग्रह, संस्मरण  आदि विधाओं की लगभग 80 पुस्तकों की उन्होंने रचना की थी इनमें 'माटी की मूरतें' अपने जीवंत रेखाचित्रों के लिए आज भी याद की जाती हैं
* रामवृक्ष बेनीपुरी 1957 में बिहार विधान सभा के सदस्य भी चुने गए थे
* सादा जीवन और उच्च विचार के आदर्श पर चलते हुए उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में बहुत काम किया था
* वे भारतीयता के सच्चे अनुयायी थे और सामाजिक भेदभावों पर विश्वास नहीं करते थे
* वर्ष 1999 में 'भारतीय डाक सेवा' द्वारा रामवृक्ष बेनीपुरी के सम्मान में डाक-टिकटों का एक संग्रह जारी किया
* उनके सम्मान में बिहार सरकार द्वारा 'वार्षिक अखिल भारतीय रामवृक्ष बेनीपुरी पुरस्कार' दिया जाता है
* रामवृक्ष बेनीपुरी जी का निधन 9 सितम्बर, 1968 को मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार में हुआ

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