अटल सुरंग
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर 25 दिसंबर 2019 को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण 'अटल टनल' के रूप में करने की घोषणा की
* यह टनल (सुरंग) लेह और मनाली क्षेत्रों को जोड़ती है
* इसके निर्माण पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे शुरुआती चरण में सुरंग की निर्माण लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई थी
* सुरंग के ठीक ऊपर स्थित सेरी नदी के पानी के रिसाव के कारण सुरंग के निर्माण में लगभग पांच साल की देरी हुई
* इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) कर रही है और निर्माण कार्य साल 2020 तक पूरा हो जायेगा
* सुरंग पूरी होने पर सभी मौसम में लाहौल और स्पीति घाटी के सुदूर के क्षेत्रों में सम्पर्क सुगम होगा
* इससे मनाली और लेह की दूरी भी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी
* रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सुरंग 8.8 किलोमीटर लंबी है
* यह करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी विश्व की सबसे लंबी सुरंग है
* इससे पहले ठंड के मौसम में इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य भागों से छह महीने तक पूरी तरह खत्म हो जाता था
* रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला 03 जून 2000 को लिया गया था
* यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान तय किया गया था
* सुरंग के दक्षिणी भाग को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी
* अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में रोहतांग टनल का शिलान्यास किया था
* सुरंग के दोनों छोर पर सड़क निर्माण 15 अक्टूबर 2017 को पूरा हुआ
* हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में 20 अगस्त 2018 को इस टनल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया गया था तथा बाद में इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए पारित किया गया था
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