Wednesday, 28 November 2018

26 November 2018(Monday)

दैनिक समसामयिकी

26 November 2018(Monday)

INTERNATIONAL/ BILATERAL

1.ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी
• यूरोपीय संघ के सदस्यों ने रविवार को ऐतिहासिक ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी जो 28 सदस्यों वाले आर्थिक समूह से ब्रिटेन के अलग होने का आधार होगा। इसके कुछ ही घंटे पहले ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने ब्रिटिश संसद से समझौते को मंजूरी दिलाने के लिए ‘‘दिल और आत्मा से’ अभियान चलाने का संकल्प लिया था।
• यूरोपीय संघ के बाकी बचे 27 देशों के नेताओं ने ब्रेग्जिट से हटने के विवादस्पद समझौते को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने इस सप्ताहांत ब्रसेल्स में एक विशेष शिखर बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘‘ईयू27 ने भावी यूरोपीय संघ-ब्रिटेन संबंधों पर वापसी समझौते और राजनीतिक अधिघोषणा का अनुमोदन किया है।’
•  अब मे को अंतिम और सबसे बड़ी अड़चन पार करने की चुनौती है। उन्हें ब्रिटिश संसद में इस समझौते को मंजूरी दिलानी होगी जहां उनकी अपनी ही पार्टी के अनेक सांसद इसका अब भी जोरदार विरोध कर रहे हैं।

2. श्रीलंका: राष्ट्रपति का विक्रमसिंघे को दोबारा पीएम बनाने से इनकार
• श्रीलंका में राजनीतिक संकट फिर गहरा गया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने से इनकार कर दिया है। विक्रमसिंघे की पार्टी इस वक्त संसद में बहुमत में है और सिरिसेना की महिंदा राजपक्सा को प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश नाकाम हो चुकी है।
• सिरिसेना ने कहा कि 'अगर विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी पूरी बहुमत में हो तो भी मैं विक्रमसिंघे को अपने सामने लाने को नहीं कहूंगा। उन्हें अपना मंत्री नहीं बनाऊंगा।' सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को भ्रष्टाचारी बताते हुए 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था।

3. भारत के साथ सैन्य अभ्यास के लिए मालदीव ने भरी हामी
• नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा सोमवार से रूस के चार दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे का लक्ष्य दोनों देशों केकरीबी रक्षा संबंध में नए अवसरों को तलाशना है। नौसेना द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार नौसेना प्रमुख रूस में अपने रूसी समकक्ष एडमिरल व्लादिमीर कोरोलेव के साथ रक्षा मामलों पर व्यापक चर्चा करेंगे।
• वह यहां सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ चीफ ऑफ जनरल स्टाफ एवं रूस के पहले उप रक्षा मंत्री जनरल वीवी गेरासीमोव से मुलाकात भी करेंगे। नौसेना प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया, ‘इस दौरे का लक्ष्य रूस के साथ द्विपक्षीय रक्षा समझौते को मजबूत करना और रक्षा समझौते के नए रास्ते तलाशना शामिल है।
• एडमिरल लांबा का यह दौरा दोनों देशों के बीच गोवा में भारतीय नौसेना के लिए दो मिसाइल युद्धपोत के निर्माण के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समझौते के बाद हो रहा है।

ECONOMY

4. चार बैंकों को मिलेगी पीसीए से राहत
• वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में तीन से चार बैंक आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) निगरानी सूची से बाहर हो जाएंगे। मंत्रालय का मानना है कि दिशानिर्देशों में अपेक्षित संशोधन व सार्वजनिक बैंकों के मुनाफे में सुधार के बाद ऐसा संभंव है।
• सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने 21 सरकारी बैंकों में से 11 बैंकों को पीसीए के ढांचे में रखा है। ये कमजोर बैंकों पर कर्ज और अन्य अंकुश लगाता है। इनमें इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।
• पिछले सप्ताह आरबीआई ने अपनी केंद्रीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया कि पीसीए के तहत बैंकों के मुद्दे की जांच केंद्रीय बैंक का वित्तीय निगरानी बोर्ड (बीएफएस) करेगा।
• पीसीए के तहत बैंकों को तब रखा जाता है जब कि तीन प्रमुख नियामकीय ¨बदुओं का उल्लंघन करते हैं। ये ¨बदु हैं जोखिम परिसंपत्तियों के एवज में रखी जानी वाली पूंजी, गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) और परिसंपत्ति पर रिटर्न ।
• वैश्विक  स्तर पर बैंकों को पीसीए के तहत केवल एक ही पैमाने पूंजी पर्याप्तता अनुपात के आधार पर रखा जाता है।

5. पीएमओ ने विदेश से लाए गए काले धन के बारे में सूचना देने से इनकार किया
• प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के एक प्रावधान का हवाला देते हुए विदेश से लाए गए काले धन के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है। पीएमओ ने जानकारी देने से इनकार करते हुए आरटीआई के उस प्रावधान का हवाला दिया जिसमें सूचना का खुलासा करने से जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
• केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 16 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें पीएमओ से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया था। इसी के जवाब में पीएमओ ने आरटीआई कानून के प्रावधान का हवाला देते हुये सूचना देने से इनकार किया है।
• भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए ख्यात सरकारी अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा, ''इस समय सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ किए गए सभी कार्यों / प्रयासों का खुलासा जांच या धर-पकड़ या मुकदमे की पूरी प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है, इसलिये इसमें आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (एच) के तहत दी गई छूट का प्रावधान लागू होता है।
• पीएमओ ने कहा कि ऐसी जांच विभिन्न सरकारी खुफिया और सुरक्षा संगठनों के दायरे में आती है जिन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है। भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारी चतुर्वेदी ने एक जून 2014 के बाद से देश में विदेश से लाए गए काले धन के बारे में जानने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया था।
• आरटीआई आवेदन की प्रारंभिक जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले साल अक्तूबर में कहा था कि मांगी गई जानकारी इस पारदर्शिता कानून की सूचना को परिभाषित करने वाली धारा 2 (एफ) के दायरे में नहीं आती है। इसके बाद चतुर्वेदी ने केन्द्रीय सूचना आयोग का रुख किया, जहां पिछले महीने पीएमओ से 15 दिनों के भीतर सूचना मुहैया कराने को कहा गया था। ऐसे में इस समय भारत में और विदेश से लाए गए काले धन की मात्रा के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान आकलन उपलब्ध नहीं है।
• अमेरिका स्थित थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) के एक अध्ययन में दिये गये एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2005-2014 के बीच भारत में 770 अरब अमेरिकी डॉलर का कालाधन पहुंचा है। वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था ने बताया कि इसी समयावधि के दौरान देश से करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर की अवैध राशि बाहर भेजी गई।
• चतुर्वेदी के आरटीआई आवेदन में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में पीएमओ ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्यौरा साझा करने से इनकार किया है और कहा कि ऐसी जानकारी प्रदान करना ''व्यक्तिपरक और साथ ही काफी कठिन काम हो सकता है।

SCIENCE

6. आज मंगल पर उतरेगा नासा का इनसाइट यान
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान मार्स इनसाइट लैंडर आज लाल ग्रह की सतह पर उतरेगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह मंगल ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मददगार होगा। इससे पृथ्वी से जुड़े नए तथ्य पता लगने की उम्मीद भी जताई जा रही है। लंबे समय से इसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। अब लैंडिंग का समय पास आने पर वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं।
• नासा का यह यान सिस्मोमीटर की मदद से मंगल की आंतरिक परिस्थितियों का अध्ययन करेगा। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि मंगल ग्रह पृथ्वी से इतना अलग क्यों है। इनसाइट मंगल के वातावरण की ऊपरी सतह को 19,800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से छुएगा। इसके बाद मंगल की सतह को छूने से पहले धीरे-धीरे इसकी गति घटकर आठ किलोमीटर प्रति घंटे पर आ जाएगी।
• गति में यह कमी मात्र सात मिनट के भीतर आएगी। अभियान के प्रमुख रॉब ग्रोवर ने कहा, ‘यह सात मिनट बहुत अहम हैं। हम पूरी तरह से यान में सेट किए गए प्रोग्राम पर निर्भर हैं। हमने वर्षो इसके लिए अध्ययन किया है। हम इस बात पर निगाह रखेंगे कि इनसाइट अपने लक्ष्य पर पहुंच जाए।’ इनसाइट यान को पांच मई को लॉन्च किया गया था।
• इसकी लैंडिंग को देखने के लिए नासा की ओर से दुनियाभर में सीधा प्रसारण होगा। भारतीय समयानुसार यह प्रसारण सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात 1:30 पर होगा। इनसाइट से पहले 2012 में नासा के क्यूरियोसिटी यान ने मंगल पर लैंडिंग की थी।

ENVIRONMENT

7. जलवायु परिवर्तन से अमेरिका को हो सकता है अरबों डॉलर का नुकसान

• अमेरिकी सरकार की एक नई रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन और इसके भयानक प्रभावों के बारे में चेतावनी दी गई है कि इससे अर्थव्यवस्था को सदी के अंत तक सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ‘फोर्थ नेशनल क्लाइमेट असेसमेंट’ नामक इस रिपोर्ट को दिसंबर में आना था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे शुक्रवार को ही जारी कर दिया।
• इस रिपोर्ट को एक हजार लोगों की 13 टीमों ने तैयार किया है। इसमें 300 प्रख्यात वैज्ञानिक भी शामिल हैं। यह इस रिपोर्ट का दूसरा भाग है। पहला भाग नवंबर 2017 में जारी किया गया था। बता दें कि एक ओर जहां रिपरेट जलवायु परिवर्तन से अमेरिका के भावी नुकसान की ओर इशारा कर रही है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप पिछले साल पेरिस समझौते से अमेरिका को अलग कर चुके हैं।
• उनका कहना था कि इससे देश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यह कारण बताते हुए वह इस समझौते से अलग हुए थे, लेकिन यह रिपोर्ट भी इस ओर इशारा कर रही है कि जलवायु परिवर्तन अमेरिका के लिए नुकसानदेह होगा।
•  राष्ट्रपति ट्रंप कई बार जलवायु परिवर्तन और पेरिस समझौते को लेकर ऐसे बयान दे चुके हैं, जिसके चलते दुनिया भर में उनकी आलोचना हो चुकी है।

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